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क्या कौवे अपनों के खो जाने पर उनका अंतिम संस्कार करते हैं, इस बारे में क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

Crow Funeral: कौवों के प्रति ये धारणा है कि अगर किसी कौवे की मौत हो जाती है और कोई साथी उस मरे हुए कौवे को देख लेता है तो वो एक अलार्म बजाकर अपने साथियों को इकठ्ठा करते हैं.

By: Sohail Rahman | Published: December 7, 2025 7:47:46 PM IST



Crow Funeral: कौवे, रूक और रेवेन जैसे कोर्विड दुनिया के सबसे स्मार्ट जानवरों में से कुछ हैं. वे नई आवाज़ें निकालना सीख सकते हैं, वे एक-दूसरे के साथ मिलकर काम कर सकते हैं और औज़ारों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. लेकिन जैसा कि डॉ. कैली स्विफ्ट ने एलिस लिप्सकॉम्ब-साउथवेल को बताया कि उनके मरे हुए लोगों के साथ कुछ दिलचस्प रस्में भी होती हैं… और वे हमदर्दी भी महसूस कर सकते हैं. ऐसे में ये भी कहा जाता है कि अगर कोई कौआ मरता है तो उनके साथी उनका अंतिस संस्कार करते हैं. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं कि आखिर इस बारे में वैज्ञानिकों का क्या कहना है?

किसी कौवे के मरने पर उनके साथी कैसे रिस्पॉन्स देते हैं? (How do a crow’s companions respond when it dies?)

कोर्विड एक तरह के गाने वाले पक्षी हैं. कोर्विड, यानी कॉर्विडे परिवार में कौवे, कौवे, मैगपाई, नीलकंठ, रूक, जैकडॉ और चो शामिल हैं. रेवेन दुनिया के सबसे बड़े गाने वाले पक्षी हैं. लंबे समय से इंसानों ने यह माना है कि जब उनमें से कोई मर जाता है तो ये पक्षी बहुत तेज़ी से रिस्पॉन्स देते हैं. और आप इसे धार्मिक किताबों और कहानियों में देख सकते हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुरान में एक कहानी है कि कौवों ने कैन को उसके भाई हाबिल को दफ़नाना सिखाया, क्योंकि वे समझते थे कि जब कोई मरता है तो तुम यही करते हो.

क्या सच में किसी कौवे के मरने पर उनके साथी अंतिम संस्कार करते हैं? (Do crows really perform the last rites when they die?)

कौवों में यह तेज़ रिस्पॉन्स इस तरह दिखता है कि जब कोई कौआ मरता है और उसे कोई दूसरा देखता है, तो वह कौआ अलार्म बजाता है और इससे उस इलाके के दूसरे कौए भी आ जाते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि कौवे आखिर ये अलार्म कैसे बजाते हैं. तो जाहिर सी बात है कि वो अपनी आवाज से अपनों को आगाह करते हैं और उन्हें इन्फॉर्म करते हैं. सब एक बड़ी शोर मचाने वाली भीड़ में इकट्ठा हो जाते हैं और इस घटना पर ध्यान देते हैं. और फिर लगभग 15 या 20 मिनट के बाद ग्रुप तितर-बितर हो जाता है.

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अध्ययन से क्या पता चला? (What did the study reveal?)

वैज्ञानिकों और अध्ययन की मानें तो सच में कौवे अपनों के मरने पर उनका अंतिम संस्कार करते हैं.  लेकिन इसके पीछे कई वजहें बताई जाती है. वर्षों से वैज्ञानिक और आम आदमी दोनों ही सोचते रहे हैं कि क्या कौवे अपने खोए हुए साथियों के दुख की वजह से इकट्ठा होते हैं, या सिर्फ़ यह जानने की जिज्ञासा से कि उनके साथी क्यों मर गए हैं. ये दोनों कारण सच हो सकते हैं, या इनमें से कोई भी या दोनों सच नहीं हो सकते हैं. कौवों में देखे जाने वाले इस अजीब व्यवहार को समझने के लिए कई साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट भी किए गए हैं. 

USA के सिएटल में यूनिवर्सिटी ऑफ़ वाशिंगटन के जॉन मार्ज़लफ़ की स्टडीज़ से पता चला है कि कौवों का हिप्पोकैम्पस, जो दिमाग का एक हिस्सा है जो याददाश्त और सीखने से जुड़ा होता है, तब एक्टिव हो जाता है जब कौवा किसी मरे हुए कौवे को पकड़े हुए देखता है.

क्या कहते हैं वैज्ञानिक? (What do scientists say?)

कौवों को मरे हुए पक्षियों को पकड़े हुए लोगों को “डांटते” हुए भी देखा गया है. कौवों के साथ कुछ और एक्सपेरिमेंट से यह भी पता चला है कि कौवे उन लोगों से बहुत सावधान रहते हैं जिन्हें उन्होंने पहले मरे हुए कौवे ले जाते हुए देखा हो, और जब ऐसा कोई व्यक्ति बाद में खाली हाथ आता है, तब भी कौवे अपनी कांव-कांव की आवाज़ों से उस व्यक्ति को डांटते रहते हैं.

साइंटिस्ट्स का मानना ​​है कि चाहे कौवे अपने मरे हुए के लिए दुख मना रहे हों या नहीं, कौवों का “अंतिम संस्कार” एक ऐसा तरीका हो सकता है जिससे ये पक्षी दूसरे कौवे को मारने वाले खतरों का अंदाज़ा लगाने की कोशिश करते हैं, और यह अंदाज़ा लगाते हैं कि भविष्य में वे अपने और अपने साथियों के लिए ऐसे खतरों से कैसे बच सकते हैं.

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