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Explainer: जल्दी करने वाले हैं शादी तो जान लीजिए ये 5 बातें, नहीं तो पूरी जिंदगी पड़ेगा पछताना!

Marriage Tips: शादी से पहले कपल्स को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? रिश्ते, परिवार, जिम्मेदारियाँ, स्वास्थ्य जैसे जरूरी सवालों पर आधारित यह पूरी गाइड आपकी शादी को मजबूत और संतुलित बनाने में आपकी मदद कर सकती है.

By: Shivani Singh | Last Updated: November 22, 2025 10:37:22 AM IST



Pre Marriage Tips: भारत में ज्यादातर अरेंज मैरिज का प्रचलन है. अरेंज मैरिज, जहां आपकी शादी का फैसला आप नहीं बल्कि आपके माता-पिता या फिर आपके बड़े तय करते हैं. वही तय करते हैं कि आपका जीवनसाथी कैसा होना चाहिए, कुछ परिवार में बच्चों को अपनी पसंद या नापसंद जाहिर करने की आजादी होती है लेकिन कुछ परिवारों में ऐसा नहीं होता है बड़ों ने जो कह दिया वो पत्थर की लकीर मानी जाती है, जिसे मिटाना लगभग नामुमकिन। ऐसे में कई बार इसका खामियाजा उन कपल्स को भुगतना पड़ता है जिनकी शादी हो रही होती है. 

दरअसल कुछ सालों से ऐसे मामले बहुत सामने आ रहे हैं जिसमें लड़का और लड़की कई तरह से ठगे जाते हैं ऐसे में  शादी से पहले कुछ बातें हैं जो आपको ध्यान में रखनी चाहिए यहां हम शादी से पहले ध्यान  देने वाली कुछ बिंदुओं पर बात करेंगे जो आपको किसी बड़े नुकसान से बचा सकता है. 

सबसे पहले अगर आप अरेंज मैरेज करने जा रहे हैं तो जिस बात पर आपको सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए वो है लड़का या लड़की का अतीत 

लड़का या लड़की का पहले का स्टेटस  जरूर जान लें

अगर आप अपने माता-पिता द्वारा चुने गए लड़के या लड़की से शादी करने जा रहे हैं तो उनके जीवन का पहले का स्टेटस जरूर जान लें. अब कुछ लोग कहेंगे कि   हमें उसके अतीत से कोई मतलब नहीं है. लेकिन अगर अतीत वर्तमान पर हावी हो जाए तो इससे बेहतर है कि आप उस अतीत पर बात कर लें. आज के समय में किसी लड़के या लड़की का गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड होना आम बात है. जो की शादी के बाद आपके शादीशुदा जीवन में विवाद का कारण बन सकते हैं ऐसे में आप एकदूसरे से ये सवाल जरुर पूछ लें कि उनके जीवन में कोई और तो नहीं है अगर है तो उसे छोड़कर वो आगे बढ़ना चाहते हैं या नहीं इस सवाल के सही और संतोषवर्धक जवाब मिलने के बाद ही शादी जैसे बंधन में बंधने का फैसला लें अगर आपको इस रिश्ते में थोड़ा सा भी संदेह हो तो यह आगे चलकर आपके शादीशुदा जिंदगी में अवरोध पैदा कर सकती है.

शादी से पहले कम से कम इतनी बार मिलना जरुरी

अगर आप अरेंज मैरेज करना चाह रहे हैं तो कम से कम आप एक दूसरे से 4 से 5 बार मिलें क्योंकि बात करने से और एक दूसरे की एक्टिविटी से ही आप समझ पाओगे कि सामने वाले इंसान के साथ आपकी कंपैटिबिलिटी कितनी मैच हो सकती हैं. आप इन मुलाक़ात में एक दूसरे से सवाल करें ये सवाल ही आपको एक दूसरे को समझने में मदद कर सकती है. 

  • पहला सवाल: क्या आप अपनी मर्जी से शादी कर रहे हैं/ रही हैं
  • दुसरा सवाल: आपको क्या करना सबसे ज्यादा पसंद है?
  • तीसरा सवाल: आपकी स्ट्रेंथ या वीकनेस क्या है?
  • चौथा सवाल: क्या आप नशे करते हैं/ करती हैं?
  • पांचवा सवाल: आप पत्नी/ पति से क्या उम्मीदें रखते/रखती हैं?
  • छठा सवाल: आपको किस तरह की लाइफस्टाइल पसंद है?
  • सातवां सवाल:  धर्म या अध्यात्म के बारे में आप क्या सोचते हैं? 
  • आठवां सवाल: सेविंग्स पर आपके क्या विचार हैं?
  • नौवां सवाल: आप पैरेंटिंग के बारे में क्या सोचते/सोचती हैं?
  • दसवां सवाल: किसी बात पर असहमति पर आप कैसे रिएक्ट करती/करते हैं?

शादी से पहले मानसिक और शारीरिक सेहत के बारे में जरूर बात करें 

शादी में सबसे जरुरी बातों में से एक जो है वो है आपदोनों का मेन्टल और फिजिकल हेल्थ, इस टॉपिक पर आपको खुलकर बात करनी चाहिए किसी भी गंभीर बीमारी, एलर्जी या लम्बे समय से चल रहे इलाज या जेनेटिक समस्या को छुपाना रिश्ते को ख़राब कर सकता है. यह रिश्ते में अविश्वास और तनाव पैदा कर सकता है. मेडिकल जानकारी साझा करने से भविष्य में फैमिली प्लानिंग और लाइफस्टाइल तय करना आसान होता है. मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है, क्योंकि भावनात्मक रूप से अस्थिर, अत्यधिक गुस्सैल या पज़ेसिव स्वभाव शादी में टकराव बढ़ा सकता है. भावनात्मक परिपक्वता, शांत स्वभाव और कठिन समय में संतुलन बनाए रखने की क्षमता एक स्वस्थ और मजबूत वैवाहिक जीवन की नींव होती है.

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शादी के बाद कामों में एक दूसरे की भूमिका 

शादी से पहले यह तय करना जरूरी है कि वैवाहिक जीवन में दोनों की भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ क्या होंगी। घर के काम कैसे बाँटे जाएंगे, किसकी कौन-सी ज़िम्मेदारी होगी और रोज़मर्रा के फैसले कैसे लिए जाएंगे. इन बातों पर पहले ही स्पष्टता होना रिश्ते को मजबूत बनाता है। साथ ही, बच्चे कब करने हैं, उनकी परवरिश कैसे होगी और किसकी क्या भूमिका होगी, इस पर भी खुलकर बातचीत जरूरी है। इन मुद्दों पर पारदर्शिता से भविष्य के टकराव कम होते हैं और रिश्ते में संतुलन, सम्मान और सहयोग बना रहता है.

परिवारों के बीच मेल-जोल बहुत जरुरी

शादी सिर्फ दो लोगों के बीच नहीं होती है बल्कि दो परिवारों के बीच होती है. इसलिए यह भी देखना जरुरी है कि दोनों परिवारों की सोच, उनकी आदतें उनका रहन-सहन, जीवनशैली कितनी मिलती जुलती है. परिवार का माहौल बहुत अलग होने पर शुरुआती दिनों में एडजस्टमेंट मुश्किल हो सकता है. ऐसे में कपल के साथ साथ दोनों परिवारों को भी समझदारी काम लेना होगा। से क्योंकि दैनिक व्यवहार, परंपराएँ और अपेक्षाएँ रिश्ते को प्रभावित करते हैं। अगर परिवारों के बीच सम्मान, समझ और सहयोग का माहौल हो, तो शादी बाद का जीवन काफी आसान, सुखद और संतुलित बन जाता है.

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