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Jharkhand News: झारखंड विधानसभा में गूंजेगी बड़ी मांग, शिबू सोरेन को भारत रत्न…

Jharkhand News: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज गुरुवार को अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। लेकिन आखिरी दिन सदन की कार्यवाही खास बनने वाली है, क्योंकि इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री गुरुजी शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव रखा जाएगा।

By: Mohammad Nematullah | Published: August 28, 2025 8:33:19 AM IST



मनीष मेहता की रिपोर्ट, Jharkhand News: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज गुरुवार को अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। लेकिन आखिरी दिन सदन की कार्यवाही खास बनने वाली है, क्योंकि इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री गुरुजी शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव रखा जाएगा। झामुमो के मुख्य सचेतक मैथुरा महतो ने यह प्रस्ताव पहले ही स्पीकर को लिखित रूप में सौंप दिया है। इस पर कई विधायकों के हस्ताक्षर भी किए गए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि यह मुद्दा सिर्फ़ झामुमो तक सीमित नहीं रहने वाला।

गुरुजी के योगदान का हवाला

शिबू सोरेन को झारखंड की राजनीति में ‘दिशोम गुरु’ यानी जननायक की उपाधि दी जाती है। चाहे आदिवासी–मूलवासी अधिकारों की लड़ाई हो या अलग झारखंड राज्य की मांग—गुरुजी का नाम हमेशा सबसे आगे जुड़ा रहा। यही कारण है कि उनके समर्थक लगातार यह कहते आए हैं कि शिबू सोरेन को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न मिलना चाहिए। विधानसभा में पेश होने वाला यह प्रस्ताव इसी जनभावना को आवाज़ देने की कोशिश है।

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सदन का एजेंडा और राजनीतिक मायने

आज मानसून सत्र का चौथा और आखिरी दिन है। पहली पाली में जहां प्रश्नकाल होगा, वहीं दूसरी पाली में यह गैर-सरकारी संकल्प पेश किया जाएगा। प्रस्ताव पारित होने के बाद इसे औपचारिक रूप से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। हालांकि, भारत रत्न देने का निर्णय केंद्र का विशेषाधिकार है, लेकिन विधानसभा से पारित संकल्प एक राजनीतिक और भावनात्मक संदेश होगा।

क्या है आगे की राह

यदि सदन में यह प्रस्ताव पारित होता है तो विधानसभा सचिवालय केंद्र को लिखित अनुशंसा भेजेगा। इसके बाद गेंद केंद्र सरकार के पाले में होगी। इधर, गुरुजी के समर्थक और झारखंडी संगठनों में इस खबर से उत्साह और उम्मीद का माहौल है। मानसून सत्र का यह अंतिम दिन सिर्फ़ विधायी कामकाज तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि झारखंड की पहचान और उसके नायक को राष्ट्रीय सम्मान दिलाने की सामूहिक पहल का गवाह बनेगा।

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