SPG Commando: आपने देखा होगा जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहीं जाते हैं तो उनके साथ हमेशा एसपीजी (Special Protection Group) के कमांडो मौजूद रहते हैं। अब लोगो के मन में ये सवाल होता है कि आखिर ये कमांडो कितने पॉवरफुल होते होंगे। वो कैसे काम करते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री के सुरक्षा का सवाल है. कोई चूक भूलकर भी नहीं होनी चाहिए। ये काला चश्मा ही क्यों पहनते हैं? अगर आपके मन में भी यह सवाल है तो आप सही जगह आए हैं आज हम आपको बताएंगे कि कैसे ये कमांडों प्रधानमंत्री की सुरक्षा में अपनी सेवा देते हैं.
आपको बता दें कि यह कमांडो अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं और उनकी नज़र बाज़ जैसी तेज़ मानी जाती है। उनकी मौजूदगी में सुरक्षा में सेंध लगाना लगभग असंभव है।
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तो आखिर ये काला चश्मा क्यों पहनते हैं?
तो आपको बता दें कि इसके पीछे कई अहम वजहें हैं:
- चारों ओर नज़र बनाए रखना – प्रधानमंत्री के साथ चलते समय एसपीजी कमांडो का ध्यान हर दिशा में रहता है। काला चश्मा पहनने से कोई आसानी से यह नहीं देख पाता कि उनकी नज़र किस दिशा में है, जिससे उनका अवलोकन गुप्त रहता है कि आखिर वो देख किसे रहे हैं?
- आपात स्थिति में भी आंखें खुली रखना – विस्फोट, गोलीबारी या किसी अचानक हमले की स्थिति में आम लोग स्वाभाविक रूप से आंखें बंद कर लेते हैं। लेकिन काला चश्मा कमांडो को आंखें खुली रखने में मदद करता है ताकि वे तुरंत प्रतिक्रिया दे सकें।
- शारीरिक भाषा छुपाने में भी काम करता है काला चश्मा – आंखों से व्यक्ति के इरादे या अगले कदम का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। चश्मा पहनने से उनका हावभाव पढ़ पाना मुश्किल हो जाता है।
- आंखों की सुरक्षा के लिए भी जरुरी – यह चश्मा तेज रोशनी, धूल और हानिकारक किरणों से आंखों को बचाता है। एसपीजी के लिए आंखें ही उनका सबसे महत्वपूर्ण हथियार हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा बेहद ज़रूरी है। इसलिए भी कला चश्माबेहद जरुरी हो जाता है।
- भावनाओं को छिपाना – किसी भी परिस्थिति में बॉडीगार्ड के चेहरे पर भाव नहीं आने चाहिए। काला चश्मा उनकी भावनाओं को छिपाने में मदद करता है।
एसपीजी का इतिहास:
एसपीजी का गठन 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को और मज़बूत बनाने के लिए किया गया था। तब से यह बल प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और कुछ विशेष विदेशी मेहमानों की सुरक्षा में काम करता है।