Udaipur Files producer video viral: राजस्थान के दर्जी कन्हैयालाल की खौफनाक मर्डर पर आधारित फिल्म “उदयपुर फाइल्स” दर्शकों को प्रभावित करने में असफल साबित रही। इसके निर्माता अमित जानी मेरठ के रहने वाले हैं। उन्होंने फिल्म के फ्लॉप होने पर अपना गुस्सा जाहिर किया। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में अमित जानी हिंदुओं को मरा हुआ समुदाय बताते हुए दिखाई दे रहे हैं।
अमित जानी ने कहा कि जैसे ही मदनी ने हमारी फिल्म का विरोध किया, पूरा मुस्लिम समुदाय उनके समर्थन में आ गया। कन्हैयालाल के परिवार को उम्मीद रही होगी कि हिंदू समुदाय उनका समर्थन करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पहले की तरह आज भी देश का हिंदू समुदाय मरा हुआ है। जैसे पहले हिंदू चादर ओढ़कर सोते थे, आज भी उसी हालत में पड़े हैं। अब जब रजनीकांत और ऋतिक रोशन की नई फिल्में आएंगी, तो हिंदुओं के पास बहुत पैसा होगा और वे ये फिल्में देखने जाएँगे। मुसलमानों, तुम लोगों को इससे खुश होना चाहिए।
‘हिंदू अश्लील फ़िल्में देखने के लिए दौड़ पड़ते हैं’
अमित जानी यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि लोग सैय्यारा जैसी फ़िल्म देखने के लिए दौड़ पड़ते हैं। उन्होंने एक ऐसी फ़िल्म को 450 करोड़ रुपये दे दिए जो अश्लीलता फैला रही है। उस बेचारे कन्हैयालाल की फ़िल्म देखने के लिए आपके पास न तो 100-200 रुपये थे और न ही समय। कन्हैयालाल के हत्यारों ने इस फ़िल्म को रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन हमने सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी और फ़िल्म रिलीज़ करवाई। जो काम मुसलमान नहीं कर पाए, वो आपकी उदासीनता ने कर दिखाया, हिंदुओं।
‘हिंदू समाज अपना ही दुश्मन है’
अमित जानी ने हिंदू समाज पर जमकर निशाना साधा। जानी ने कहा कि कन्हैयालाल तुम्हारे लिए कुछ भी नहीं था, इसलिए उसके लिए कोई नहीं लड़ा। हिंदू मरने के लिए ही पैदा होते हैं। पहलगाम नरसंहार में 26 लोग मारे गए। हिंदू खुद का ही दुश्मन हैं। वे कन्हैयालाल का खून बहता नहीं देख सकते। यह फिल्म कन्हैयालाल के परिवार की आर्थिक सहायता के लिए बनाई गई थी, लेकिन हिंदू समाज की उदासीनता इसके लिए कमजोर साबित हुई।
मोदी सरकार ने दी है Y श्रेणी की सुरक्षा
बता दें कि कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने अमित जानी को Y श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की थी। उन्हें यह सुविधा उदयपुर फाइल्स फिल्म को मिल रही धमकियों के मद्देनजर मिली थी। पिछले कई सालों से सक्रिय अमित जानी पर कई मामले दर्ज हैं। 2022 में उन्होंने मेरठ से निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2012 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को काला झंडा दिखाने के आरोप में उन पर मामला दर्ज किया गया था। 2017 में उन्होंने आजम खान की जीभ काटने की धमकी दी थी।

