Home > देश > Bihar Chunav: पहले काले कपड़ों की जगह सफेद कुर्ता, फिर डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के साथ खास तस्वीर, तेजप्रताप ने ‘लालू परिवार’ के खिलाफ फूंका  विद्रोह का बिगुल!

Bihar Chunav: पहले काले कपड़ों की जगह सफेद कुर्ता, फिर डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के साथ खास तस्वीर, तेजप्रताप ने ‘लालू परिवार’ के खिलाफ फूंका  विद्रोह का बिगुल!

बता दें, मानसून सत्र में राजद और महागठबंधन के सभी विधायक काले कपड़े पहनकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर, तेज प्रताप यादव लगातार सफेद कुर्ते में नज़र आ रहे हैं - जो न सिर्फ़ दिखावटी तौर पर विरोध प्रदर्शन से दूरी दिखाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वे विरोध के इस तरीक़े से ख़ुद को अलग कर रहे हैं।

By: Ashish Rai | Last Updated: July 25, 2025 11:27:52 AM IST



Bihar Chunav: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान अलग-अलग तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। दरअसल, जहां तमाम विपक्षी नेता काले कपड़ों में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव सफेद कुर्ते में नजर आ रहे हैं। सदन की कार्यवाही में कम भागीदारी और सत्ता पक्ष के नेताओं के साथ अनौपचारिक मुलाकातों के बीच तेज प्रताप यादव की हालिया गतिविधियां राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई हैं।

दरअसल, मानसून सत्र के तीसरे दिन विधानसभा परिसर में एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला। तेज प्रताप यादव विधानसभा परिसर में अपनी गाड़ी का इंतजार कर रहे थे, तभी उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा वहां पहुंच गए। दोनों नेता एक-दूसरे से गर्मजोशी से मिले, मुस्कुराहटें बिखेरीं और फिर एक ‘दोस्ताना’ तस्वीर कैमरे में कैद हो गई। इस तस्वीर के सामने आते ही चर्चाएं तेज हो गईं – क्या यह महज एक सामान्य शिष्टाचार था या इसके पीछे कोई गहरा राजनीतिक संदेश छिपा है?

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विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के बीच सफ़ेद कुर्ते में आए नजर 

बता दें, मानसून सत्र में राजद और महागठबंधन के सभी विधायक काले कपड़े पहनकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर, तेज प्रताप यादव लगातार सफेद कुर्ते में नज़र आ रहे हैं – जो न सिर्फ़ दिखावटी तौर पर विरोध प्रदर्शन से दूरी दिखाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वे विरोध के इस तरीक़े से ख़ुद को अलग कर रहे हैं। विधानसभा में तेज प्रताप यादव की उपस्थिति सीमित रही है। न तो वे किसी बहस में हिस्सा ले रहे हैं, न ही विरोध प्रदर्शन में अग्रिम पंक्ति में नज़र आ रहे हैं। लेकिन, इसके बावजूद वे विधानसभा परिसर में घूमते, नेताओं से मिलते और हल्के-फुल्के मूड में नज़र आ रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या तेज प्रताप कोई अलग रणनीति बना रहे हैं? या फिर वे फ़िलहाल राजनीतिक परिदृश्य पर ख़ुद को लो-प्रोफ़ाइल रखकर कोई बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं?

तस्वीर के क्या हैं राजनीतिक मायने?

विजय सिन्हा के साथ तेज प्रताप यादव की यह तस्वीर न सिर्फ़ निजी रिश्तों की गर्मजोशी दिखाती है, बल्कि इससे राजनीतिक संकेत भी निकाले जा रहे हैं। विपक्षी नेताओं के काले कुर्तों के बीच तेज प्रताप का सफ़ेद पहनावा, और सत्ताधारी पार्टी के डिप्टी सीएम के साथ मुस्कुराती हुई तस्वीर – ये सब ऐसे समय हुआ है जब बिहार चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियाँ तेज़ हो गई हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तस्वीर के ज़रिए तेज प्रताप यादव ये संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि वो “कट्टर विरोध” की बजाय “संवाद की राजनीति” के पक्षधर हैं। दूसरी ओर, एक चर्चा ये भी है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद के अंदर एक केंद्रीकरण हो रहा है, जिससे तेज प्रताप थोड़ा दूर हो रहे हैं या फिर खुद को अलग साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। क्या वो पार्टी में खुद को एक अलग विचारधारा और अंदाज़ का चेहरा बनाने में जुटे हैं?

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