Home > देश > Premanand and Rambhadracharya Controversy: रामभद्राचार्य के समर्थन में उतरा अयोध्या का ये संत, प्रेमानंद महाराज को घमंडी बताते हुए कही ऐसी बात, मचेगा बवाल!

Premanand and Rambhadracharya Controversy: रामभद्राचार्य के समर्थन में उतरा अयोध्या का ये संत, प्रेमानंद महाराज को घमंडी बताते हुए कही ऐसी बात, मचेगा बवाल!

Premanand and Rambhadracharya Controversy: परमहंस आचार्य ने कहा, 'इससे ​​भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि प्रेमानंद ने अपनी गलती स्वीकार नहीं की। उन्हें कहना चाहिए था कि यह बात मेरे मुँह से गलती से निकल गई। लेकिन वे अहंकार में अपने बयान पर अड़े हुए हैं।

By: Ashish Rai | Last Updated: August 27, 2025 10:14:07 PM IST



Paramhans Acharya: वृन्दावन के प्रख्यात संत प्रेमानंद महाराज पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य की टिप्पणी के बाद अब अयोध्या के परमहंस आचार्य ने रामभद्राचार्य का बचाव किया है। अयोध्या के तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने आज यानि बुधवार को कहा है कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज के बारे में जो कुछ भी कहा है, वह उसका पूरा समर्थन करते हैं। उन्होंने प्रेमानंद महाराज से यह भी कहा कि उन्हें अपने बयान के लिए राधा रानी से माफी मांगनी चाहिए। 

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रामभद्राचार्य और प्रेमानंद विवाद पर परमहंस आचार्य का विवादित बयान 

जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा, ‘तुलसी पीठाधीश्वर श्रीमद् जगद्गुरु रामानंद आचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने प्रेमानंद महाराज के बारे में जो भी कहा है वह बिल्कुल सही है। मैं उनके बयान का पूरा समर्थन करता हूं और प्रेमानंद ने अपने प्रवचन के दौरान जो कहा कि 100 में से केवल 2-4 लड़कियां ही पवित्र होती हैं, यह राधा रानी का अपमान है।’

उन्होंने कहा, “कन्याएँ स्वयं श्री जी का स्वरूप हैं, वे राधा रानी का रूप हैं। इसीलिए लोग कन्याओं की पूजा करते हैं। 25-30 वर्ष की कन्याओं को मन में कन्या न कहें, शास्त्रों के अनुसार 10 वर्ष तक की कन्या ही कन्या कही जाती है। इसलिए प्रेमानंद महाराज द्वारा कन्या शब्द का प्रयोग करते हुए दिया गया कथन अशास्त्रीय है। यह साधुता और मानवता पर कलंक है।”

प्रेमानंद केवल यूट्यूब के संत हैं: परमहंस आचार्य

परमहंस आचार्य ने कहा, ‘इससे ​​भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि प्रेमानंद ने अपनी गलती स्वीकार नहीं की। उन्हें कहना चाहिए था कि यह बात मेरे मुँह से गलती से निकल गई। लेकिन वे अहंकार में अपने बयान पर अड़े हुए हैं। सनातन धर्म के सबसे बड़े आचार्य पूज्य तुलसी पीठाधीश्वर सरकार हैं और उनका पूरे विश्व में सम्मान है, हाल ही में उन्हें महामहिम राष्ट्रपति जी से विद्वानों का सबसे बड़ा सम्मान ‘ज्ञानपीठम’ प्राप्त हुआ है। साथ ही, प्रेमानंद जी यूट्यूब के संत हैं। पिछले दो वर्षों से उनके अनुयायी यूट्यूब पर उनके वीडियो स्ट्रीम कर रहे हैं और आजकल लोग सोशल मीडिया से अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘तुलसी पीठाधीश्वर सरकार पूरी तरह से शास्त्रों से बात करते हैं। उन्होंने पूरी निष्पक्षता के साथ कहा है कि यदि प्रेमानंद पर राधा रानी की थोड़ी भी कृपा है या वे सिद्ध हैं, तो वे कोई भी श्लोक शुद्ध रूप में सुनाएँ या स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा कहे गए श्लोक का अर्थ हिंदी में बताएँ।’ लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा क्योंकि प्रेमानंद केवल यूट्यूब के संत हैं और उनकी प्रसिद्धि केवल यूट्यूब के कारण है।

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