Home > देश > Supreme Court decision on stray dog: दिल्ली की सड़कों से गायब होंगे सभी आवारा कुत्ते? कल आएगा सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, जानिए क्या बदलेगा!

Supreme Court decision on stray dog: दिल्ली की सड़कों से गायब होंगे सभी आवारा कुत्ते? कल आएगा सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, जानिए क्या बदलेगा!

Supreme Court decision on stray dog: दिल्ली की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने का मामला पूरी तरह से गंभीर हो गया है। अब सबकी निगाहें शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी है कि आखिर कोर्ट का फैसला क्या होगा? क्या दिल्ली की सड़कों से सारे आवारा कुत्तों को हटाकर आश्रय गृह में डाल दिया जाएगा या फिर इस आदेश पर रोक लगा दी जाएगी?

By: Shivani Singh | Published: August 21, 2025 10:58:43 PM IST



Supreme Court decision on stray dog: दिल्ली की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने का मामला पूरी तरह से गंभीर हो गया है। अब सबकी निगाहें शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी है कि आखिर कोर्ट का फैसला क्या होगा? क्या दिल्ली की सड़कों से सारे आवारा कुत्तों को हटाकर आश्रय गृह में डाल दिया जाएगा या फिर इस आदेश पर रोक लगा दी जाएगी?

मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों में इस मुद्दे ने डॉग लवर्स और स्थानीय निवासियों को दो किनारों पर ला खड़ा किया है। एक ओर जहाँ लोग कुत्तों के हमलों और रेबीज के खतरे से चिंता में हैं, वहीं दूसरी ओर पशु कल्याण समूह इसे अमानवीय और गैरकानूनी भी बता रहे हैं। 

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ फैसला सुनाएगी

आपको बता दें कि न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की तीन जजों की पीठ ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह पीठ शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगी। खास बात यह है कि याचिकाकर्ताओं ने अदालत से आदेश के तत्काल क्रियान्वयन पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। अब सबकी निगाहें इसी पर टिकी हैं। आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की एजेंसियों को निर्देश दिया था कि वे सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को “जल्द से जल्द” उठाकर स्थायी रूप से डॉग शेल्टर में भेज दें।

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इस आदेश पर पशु कल्याण समूहों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि दिल्ली में इतने बड़े शेल्टर नहीं हैं और जो हैं भी, उनकी हालत बेहद खराब है। ऐसे में हज़ारों-लाखों कुत्तों को वहाँ भेजना क्रूरता से कम नहीं होगा। उन्होंने याद दिलाया कि भारत का एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) कार्यक्रम सही और कानूनी तरीका है। इसके तहत कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण करके उन्हें उनके पुराने घर में वापस छोड़ दिया जाता है।

दिल्ली की सड़कों पर संकट या राहत?

इस फैसले का दिल्ली की सड़कों और लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। एक तरफ़ रेबीज़ और कुत्तों के हमले की घटनाएँ हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ़ लाखों दिल्लीवासी उन कुत्तों को अपने इलाके का हिस्सा मानते हैं। अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट कल क्या रुख़ अपनाता है। सवाल यह है कि क्या आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाया जाएगा या फिर जन सुनवाई के बाद लोगों और कुत्तों के बीच नया संतुलन बनाया जाएगा?

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