Home > देश > कौन थी रतन टाटा की सौतेली माँ सिमोन टाटा? 95 साल की उम्र में निधन, Lakmé को बनाया था भारत का नंबर-1 ब्रांड

कौन थी रतन टाटा की सौतेली माँ सिमोन टाटा? 95 साल की उम्र में निधन, Lakmé को बनाया था भारत का नंबर-1 ब्रांड

लैक्मे (Lakmé) को भारत का नंबर 1 ब्रांड बनाने वाली सिमोन टाटा का 95 वर्ष की आयु में निधन. जानिए रतन टाटा की सौतेली माँ और बिज़नेस जगत की इस दिग्गज महिला के टाटा ग्रुप, ट्रेंट और वेस्टसाइड में अभूतपूर्व योगदान की पूरी कहानी.

By: Shivani Singh | Last Updated: December 5, 2025 4:01:54 PM IST



टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की सौतेली मां और नोएल टाटा की मां, सिमोन टाटा का 95 वर्ष की आयु में शुक्रवार, 5 दिसंबर को निधन हो गया. वह कुछ समय से बीमार थीं. शुरुआती इलाज के लिए उन्हें इस साल अगस्त में दुबई के किंग्स हॉस्पिटल से मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल लाया गया था. सिमोन टाटा के परिवार में उनके बेटे नोएल टाटा, बहू आलू मिस्त्री और पोते-पोतियां—नेविल, माया और लेह हैं.

भारतीय बिज़नेस पर सिमोन टाटा का गहरा प्रभाव

सिमोन टाटा का भारतीय बिज़नेस जगत और टाटा की विरासत पर असर अतुलनीय रहा है. उन्हें एक दूरदर्शी उद्यमी के तौर पर जाना जाता है, जिन्होंने लैक्मे (Lakmé) को भारत के एक प्रमुख कॉस्मेटिक्स ब्रांड में बदल दिया. उन्होंने 1990 के दशक में ब्रांड की ग्रोथ को संभाला और बाद में हिंदुस्तान यूनिलीवर को इसकी बिक्री की प्रक्रिया का प्रबंधन भी किया.

सिमोन टाटा का जीवन परिचय

  • जन्म: 1930 में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में.
  • भारत से जुड़ाव: वह पहली बार 1953 में एक पर्यटक के रूप में भारत आईं.
  • शिक्षा: उन्होंने जिनेवा यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की.
  • विवाह: 1955 में उन्होंने नवल एच टाटा से शादी की.
  • करियर: 1960 के दशक की शुरुआत में उन्होंने टाटा ग्रुप के साथ अपने पेशेवर सफर की शुरुआत की.
  • सिमोन टाटा ने तब भी काफी सुर्खियां बटोरीं, जब 2022 में साइरस मिस्त्री के अंतिम संस्कार में वह टाटा परिवार की एकमात्र सदस्य थीं. टाटा परिवार और मिस्त्री के बीच तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए, उनका यह कदम बेहद खास माना गया था.

लैक्मे को घर-घर तक पहुंचाने वालीं सिमोन

सिमोन टाटा 1962 में टाटा ग्रुप में शामिल हुईं, जहाँ उन्हें लैक्मे बोर्ड में नियुक्त किया गया, जो उस समय टाटा ऑयल मिल्स की एक सहायक कंपनी थी. उन्हें लैक्मे को भारत का एक अग्रणी कॉस्मेटिक्स ब्रांड बनाने का श्रेय दिया जाता है.

यह दिलचस्प है कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने टाटा ग्रुप से एक स्वदेशी मेकअप ब्रांड लॉन्च करने का आग्रह किया था, क्योंकि भारतीय महिलाएं पश्चिमी मेकअप ब्रांडों पर काफी कीमती विदेशी मुद्रा खर्च कर रही थीं. इसी के परिणामस्वरूप, टाटा ग्रुप ने 1952 में लैक्मे की स्थापना की थी.

1996 में, टाटा ने लैक्मे को हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड (HLL) को बेच दिया. इस बिक्री से प्राप्त धनराशि का उपयोग ट्रेंट (Trent) की स्थापना के लिए किया गया, जिसने आगे चलकर टाटा के लोकप्रिय रिटेल ब्रांड वेस्टसाइड (Westside) को जन्म दिया, जिसका प्रबंधन ट्रेंट लिमिटेड के तहत होता है. वह 2006 तक ट्रेंट की नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन के पद पर बनी रहीं.

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टाटा साम्राज्य में सिमोन का योगदान

  • लैक्मे और ट्रेंट के अलावा, सिमोन टाटा ने कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं:
  • सर रतन टाटा इंस्टीट्यूट की चेयरपर्सन.
  • चिल्ड्रन ऑफ द वर्ल्ड इंडिया (CWI), एक मान्यता प्राप्त चैरिटेबल संगठन, की ट्रस्टी.
  • इंडिया फाउंडेशन फॉर द आर्ट्स, जो भारत में कला के बुनियादी ढांचे को सहयोग देता है, की ट्रस्टी.
  • रिटायरमेंट के बाद सिमोन टाटा ने सार्वजनिक जीवन से दूरी बना ली थी. उन्हें आखिरी बार अक्टूबर 2024 में रतन टाटा के अंतिम संस्कार में देखा गया था.                                            

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