शाहजहांपुर से कु. शिशांत शुक्ला की रिपोर्ट
Shahjahanpur: जनपद में पॉक्सो एक्ट से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए कठोर दंड सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट शिवकुमार तृतीय ने शुक्रवार को अपना निर्णय सुनाते हुए दोषी को 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 10,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अदालत का यह फैसला उन मामलों के लिए मिसाल माना जा रहा है, जिनमें मासूम बच्चियों के साथ छेड़छाड़ जैसी गंभीर घटनाएं घटित होती हैं।
5 साल बाद मिला न्याय
अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना थाना कलान क्षेत्र के एक मोहल्ले की है। दिनांक 09 नवंबर 2020 को दोपहर लगभग 12 बजे एक व्यक्ति की 5 वर्षीय पुत्री घर के बाहर खेल रही थी। तभी पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने बच्ची को गलत नियत से पकड़ लिया। बच्ची की चीख-पुकार सुनकर पास में रहने वाली एक महिला मौके पर पहुंची और बच्ची की मां को बुला लाई। तभी आरोपी मौके से भाग गया।
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इस घटना से परिवार और मोहल्ले में सनसनी फैल गई। बच्ची के पिता ने तत्काल थाना कलान पहुंचकर तहरीर दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की। विवेचना के उपरांत पर्याप्त साक्ष्य जुटाने के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
आरोपी की हरकत समाज के लिए है घातक
मुकदमे की सुनवाई के दौरान पीड़िता के बयान के साथ-साथ प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी दर्ज किए गए। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता दीप कुमार गुप्ता ने अदालत में सशक्त तर्क रखते हुए दोषी को कड़ी सजा दिलाने की मांग की। उन्होंने अदालत को बताया कि आरोपी की हरकत न केवल मासूम बच्ची के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है बल्कि समाज के लिए भी घातक है।
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अदालत ने दिया दोषी करार
न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के तर्कों को उचित मानते हुए और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि नाबालिग बच्चियों के साथ छेड़छाड़ के मामलों में किसी भी प्रकार की नरमी समाज में गलत संदेश देती है, इसलिए दोषी को कठोर दंड मिलना आवश्यक है।
5 वर्ष की हुई सजा
अपर सत्र न्यायाधीश शिवकुमार तृतीय ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट व छेड़छाड़ की धाराओं में दोषी पाते हुए 5 साल का सश्रम कारावास और 10,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अर्थदंड की धनराशि का उपयोग पीड़िता के हित में किया जाए।
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न्यायालय का यह फैसला उन सभी अभिभावकों के लिए राहत की खबर है, जो अपनी बच्चियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं। साथ ही यह संदेश भी देता है कि नाबालिगों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ या उत्पीड़न करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।