Khan Sir: भाई-बहन के अटूट प्रेम और भारतीय संस्कृति के प्रतीक रक्षाबंधन के मौके पर राजधानी पटना के एस.के. मेमोरियल हॉल में एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला। मशहूर कोचिंग टीचर खान सर ने इस खास अवसर पर हजारों छात्राओं को अपनी बहन मानकर राखी बंधवाई। इस दौरान अलग-अलग राज्यों से आई लड़कियों ने उन्हें राखी बांधकर इस पर्व को यादगार बना दिया।
“आज मेरी सभी छात्राएं मेरी बहनें हैं” – खान सर
खान सर ने इस मौके पर कहा, “आज मेरी कोई छात्रा नहीं है, बल्कि सभी मेरी बहनें हैं। मेरी बहनों ने इतनी राखियां बांध दी हैं कि मेरा हाथ सुन्न हो गया, लेकिन यह तो बस शुरुआत है। पूरे दिन राखी बांधी जाएगी और इसके लिए डॉक्टर को भी बुलाया गया है।” उन्होंने बताया कि हर साल रक्षाबंधन पर यह परंपरा निभाई जाती है और हर वर्ष नया रिकॉर्ड बनता है।
हर राज्य से आईं बहनें, भव्य आयोजन
इस अवसर पर देश के कई राज्यों से लड़कियां पटना पहुंचीं। स्टेज पर बैठे खान सर को बहनें एक-एक करके राखी बांध रही थीं। बीच में उनका हाथ हल्का सुन्न हो गया, लेकिन आयोजन रुका नहीं। छात्राओं ने उन्हें भाई ही नहीं, बल्कि सबसे अच्छे शिक्षक के रूप में भी सराहा।
छात्राओं का कहना था कि खान सर बहुत कम फीस में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देते हैं और रक्षाबंधन के दिन भी उन्हें कुछ कोर्स में विशेष छूट दी गई, जो उनके लिए किसी बड़े तोहफे से कम नहीं है।
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156 प्रकार के व्यंजन, प्रेम और अपनत्व का जश्न
खान सर ने बताया कि इस खास दिन के लिए 156 प्रकार के खाने-पीने के व्यंजनों की व्यवस्था की गई है। उनका कहना था, “हम हमेशा अपनी छात्राओं को बहन मानते हैं और शिक्षा के साथ-साथ सम्मान और संस्कार देने में विश्वास रखते हैं। रक्षाबंधन हमारे भारत की शान है और हमें अपनी संस्कृति की रक्षा करनी चाहिए।”
खास संदेश और प्रेरणा
खान सर का यह आयोजन केवल एक शिक्षक और छात्राओं के रिश्ते का उदाहरण नहीं है, बल्कि समाज में भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती और भारतीय संस्कृति के संरक्षण का संदेश भी देता है।
इस अवसर पर उन्होंने सभी बहनों का धन्यवाद किया और कहा कि इतने प्यार और सम्मान को पाना उनका सौभाग्य है। रक्षाबंधन के इस अनोखे जश्न ने यह साबित कर दिया कि रिश्ता खून का ही होना जरूरी नहीं, बल्कि प्रेम और विश्वास भी उतना ही मजबूत बंधन बनाता है।