Rajnath on Pranab Mukherjee: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा में सेना की कार्रवाई की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान रक्षा मंत्री ने 26/11 हमले को लेकर यूपीए शासनकाल में हुई एक अहम बैठक का ज़िक्र किया। राजनाथ सिंह ने सदन को बताया कि यूपीए सरकार के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान स्थित मुख्यालय मुरीदके पर हमले के बारे में गंभीरता से विचार किया गया था। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि हमला रोक दिया गया।
लश्कर के हेडक्वार्टर पर क्रूज मिसाइल से हमला…
राजनाथ सिंह ने आगे बताया कि तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी। उन्होंने अधिकारियों से पूछा, ‘अब क्या किया जाना चाहिए?’ तब विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने सुझाव दिया कि भारत को मुरीदके स्थित लश्कर मुख्यालय पर क्रूज़ मिसाइल से हमला करना चाहिए। यह सुनते ही प्रणब दा ने अपना चश्मा उतारा, उसे साफ़ किया, सभी अधिकारियों का धन्यवाद किया और बैठक समाप्त कर दी।
रक्षा मंत्री ने आगे भारतीय विदेश सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन की पुस्तक ‘चॉइसेस: इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडियाज़ फॉरेन पॉलिसी’ का ज़िक्र किया और कहा कि इसमें इसकी पुष्टि की गई है।
कुछ ताकतें गलत सूचना फैला रही हैं – कांग्रेस सांसद
वहीं कांग्रेस सांसद गोगोई ने अपने स्पीच की शुरुआत यह कहते हुए किया कि पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद, “कुछ ताकतें गलत सूचना फैलाने का काम कर रही थीं।” उन्होंने यह भी कहा कि पहलगाम हमले के समय सऊदी अरब की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “प्रभावित क्षेत्र का तुरंत दौरा करने के बजाय” बिहार में “राजनीतिक भाषण” दिए।
उन्होंने कहा, “केवल हमारे नेता राहुल गांधी ही प्रभावित लोगों से मिलने वहाँ गए थे,” जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य उन्हें चुप कराने की कोशिश कर रहे थे।