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Raj Thackeray: ‘स्वतंत्रता दिवस पर छिनी जा रही है लोगों की आजादी’, ऐसा क्या हुआ कि सरकार पर जमकर भड़के राज ठाकरे, उड़ा डाली धज्जियां!

Independence Day meat ban: मनसे नेता राज ठाकरे ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार स्वतंत्रता दिवस पर लोगों की आज़ादी छीन रही है। उन्होंने कहा कि क्या सरकार तय करेगी कि किसे क्या खाना चाहिए?

By: Ashish Rai | Published: August 14, 2025 3:44:47 PM IST



Independence Day meat ban: देश भर के कई नगर निगमों ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मांस और बूचड़खानों की दुकानें बंद रखने का आदेश दिया है। नगर निगम द्वारा जारी इस आदेश के बाद विपक्षी नेता इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। इस बीच, मनसे नेता राज ठाकरे ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार स्वतंत्रता दिवस पर लोगों की आज़ादी छीन रही है। उन्होंने कहा कि क्या सरकार तय करेगी कि किसे क्या खाना चाहिए?

राज ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर मांस पर प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है? उन्होंने कहा कि मैंने अपने लोगों से कहा है कि वे जो चाहें खाएं, किसी पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

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‘सरकार को यह तय नहीं करना चाहिए कि किसे क्या खाना चाहिए’

मनसे पमुख ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि यह 1988 का कानून है। हालाँकि मेरा मानना है कि आप स्वतंत्रता दिवस के दिन ही लोगों की आजादी छीन रहे हैं। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार क्या चाहती है? क्या सरकार तय करेगी कि किसे क्या खाना चाहिए? ठाकरे ने सरकार और नगर निगम पर निशाना साधते हुए कहा कि कृपया नगर निगम या सरकार को यह तय न करने दें कि किसे क्या खाना चाहिए।

आदित्य ठाकरे ने भी किया विरोध

शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने भी हाल ही में इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर क्या खाना है, यह हमारा अधिकार है, नगर निगम को इस बारे में फैसला लेने की कोई ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे घर में नवरात्रि के दौरान भी प्रसाद में झींगा और मछली होती है। यही हमारी परंपरा है और यही हमारा हिंदू धर्म है। उन्होंने आगे कहा कि कौन क्या खाएगा, यह हम तय करेंगे। ठाकरे ने कल्याण-डोंबिवली के कमिश्नर को निलंबित करने की भी मांग की।

अजित पवार ने भी जताई नाराज़गी

वहीँ, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी इस निर्णय पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रतिबंध आमतौर पर हिंदू त्योहारों पर उनकी आस्था की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए लगाए जाते हैं, जैसे आषाढ़ी एकादशी, महाशिवरात्रि, महावीर जयंती आदि। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोग शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का खाना खाते हैं। ऐसे में नगर निगम द्वारा जारी किया गया यह आदेश बिल्कुल भी उचित नहीं है।

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