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बेहद निंदनीय, हर भारतीय नाराज… CJI बीआर गवई पर हुए हमले पर PM मोदी का बड़ा बयान

CJI Shoe Attack: पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से बात की है और इस स्थिति में उनके द्वारा दिखाए गए शांति की सराहना की है.

By: Shubahm Srivastava | Published: October 6, 2025 9:29:54 PM IST



BR Gavai Shoe Attack: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई पर हुए जूते के हमले की कड़ी निंदा की और इस घटना को “बेहद निंदनीय” बताया. उन्होंने कहा कि इससे “हर भारतीय नाराज़ है.” प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से बात की है और इस स्थिति में उनके द्वारा दिखाए गए शांति की सराहना की है.

हर भारतीय नाराज…

प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट में कहा कि, “भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बीआर गवई जी से बात की. आज सुबह सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय नाराज है. हमारे समाज में इस तरह के निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है. यह बेहद निंदनीय है.”

उन्होंने आगे कहा, “मैं ऐसी स्थिति में न्यायमूर्ति गवई द्वारा दिखाए गए धैर्य की सराहना करता हूँ. यह न्याय के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और हमारे संविधान की भावना को मज़बूत करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.”

CJI पर हमला?

71 वर्षीय सुप्रीम कोर्ट के वकील राकेश किशोर ने हाल ही में अदालती कार्यवाही के दौरान मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणियों से नाराज़ होकर सुबह लगभग 11:35 बजे उन पर अपना स्पोर्ट्स शू फेंक दिया.

प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मध्य प्रदेश के खजुराहो मंदिर परिसर में भगवान विष्णु की मूर्ति की पुनर्स्थापना की मांग वाली एक याचिका पर हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी से अधिवक्ता नाखुश थे. मुख्य न्यायाधीश गवई अविचलित दिखे और उन्होंने वकीलों से कार्यवाही जारी रखने को कहा.

हमले की सभी ने की निंदा 

कोर्ट संख्या 1 में हुई इस घटना के बाद, विभिन्न दलों, राजनीतिक नेताओं और संगठनों ने इस कृत्य की निंदा की है और किशोर के खिलाफ कार्रवाई की है. कांग्रेस नेताओं ने वरिष्ठ अधिवक्ता के कृत्य की निंदा की. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसे भारत के संविधान पर हमला करार दिया.

उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट में भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है. यह न केवल उन पर, बल्कि हमारे संविधान पर भी हमला है. मुख्य न्यायाधीश गवई बहुत दयालु रहे हैं, लेकिन पूरे देश को गहरी पीड़ा और आक्रोश के साथ उनके साथ एकजुटता से खड़ा होना चाहिए.”

सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने भी सोमवार को एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर इस घटना की कड़ी निंदा की.

बार काउंसिल का एख्शन

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने राकेश किशोर का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. बीसीआई के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि अधिवक्ता का कृत्य “प्रथम दृष्टया न्यायालय की गरिमा के विपरीत” है और अधिवक्ता अधिनियम, 1961 और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के तहत निर्धारित आचरण का स्पष्ट उल्लंघन है.

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