अक्षय महाराणा की रिपोर्ट, Odisha News: लगातार हो रही बारिश के चलते सुवर्णरेखा नदी एक बार फिर उफान पर है और इस बार भी उसने ग्रामीण इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया है। मौजूदा बरसात के मौसम में यह छठा बार है जब नदी का बाढ़ का पानी गांवों तक पहुंचा है। पानी के तेज बहाव ने गांवों और खेतों को डुबो दिया, जिससे लगभग 10,000 से अधिक लोग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। बालेश्वर ज़िले की कई पंचायतों में पानी भर गया है। बताया जा रहा है कि कम से कम 8 पंचायतें बाहरी दुनिया से पूरी तरह कट चुकी हैं। ग्रामीणों के घरों में घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। सड़कों पर पानी के कारण कई जगहों पर नाव ही एकमात्र सहारा बनी हुई है।
50 पंचायतों में भी दहशत का माहौल
सिर्फ प्रभावित पंचायतें ही नहीं, बल्कि आसपास की लगभग 50 पंचायतों में भी दहशत का माहौल है। हर कोई इस डर में जी रहा है कि कब पानी उनके घर और खेतों को अपनी चपेट में ले लेगी। तेज़ धार और बढ़ते जलस्तर के कारण कुम्भीरगड़ी, कुल्हा, खोलाबाड़िया, पंतई, कुसुड़ा, गबगांव, दारुहा, मनुनगर, आरुहाबर्ती, दहमुंडा, बड़मंदारुणी, पुटिना और कचुआड़ी जैसे गांव पूरी तरह प्रभावित हो चुके हैं। इन गांवों के लोग अब ऊँचे स्थानों की तलाश कर रहे हैं। भारी जलभराव की वजह से बालियापाल-भोगराई-रसुलपुर मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। इस सड़क पर यातायात रुकने से रोज़ाना कामकाज के लिए आवाजाही करने वाले लोग फंस गए हैं। कई गांवों तक राहत सामग्री पहुँचाना भी चुनौती बन गया है।
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आपदा प्रबंधन की टीम तैनात
प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए निर्देश तो जारी किए हैं, ओड्राफ् ओर आपदा प्रबंधन के टीम को तैनात किया हुआ है। इस बार की बाढ़ ने न सिर्फ घरों को प्रभावित किया है बल्कि हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि को भी तबाह कर दिया है। खेतों में खड़ी धान और सब्ज़ियों की फसल पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है। किसान मायूस हैं क्योंकि उनकी मेहनत एक बार फिर पानी में बह गई है। भोगराई क्षेत्र के ग्रामीण इस साल छठी बार बाढ़ की मार झेल रहे हैं। हर बार की तरह इस बार भी लोग सरकारी मदद की उम्मीद लगाए हुए हैं। उनके अनुसार, जब तक सुवर्णरेखा नदी के जलप्रवाह को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक बाढ़ का खतरा बना रहेगा।