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शिमला की नदी निगल गई मां-बेटी को, पानी में बहने से हुई दर्दनाक मौत, मामला जान उड़ेंगे होश

Shimla: शिमला ज़िले के कुसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र की दरभोग पंचायत  के पराड़ी क्षेत्र में शुक्रवार सुबह एक हृदयविदारक हादसा हुआ, जिसमें मां-बेटी की पानी में बहने से मौत हो गई। मृतकों की पहचान 40 साल के लीलावती और उनकी 10 साल की बेटी शीतल के रूप में हुई है।

By: Heena Khan | Published: August 15, 2025 2:21:45 PM IST



मीनाक्षी की रिपोर्ट, Shimla: शिमला ज़िले के कुसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र की दरभोग पंचायत  के पराड़ी क्षेत्र में शुक्रवार सुबह एक हृदयविदारक हादसा हुआ, जिसमें मां-बेटी की पानी में बहने से मौत हो गई। मृतकों की पहचान 40 साल के लीलावती और उनकी 10 साल की बेटी शीतल के रूप में हुई है। यह दर्दनाक घटना उस समय हुई जब दोनों अपने खेतों की रखवाली करने के बाद घर लौट रही थीं।

इस तरह बनी हादसे का शिकार 

जानकारी के अनुसार, लीलावती और शीतल सुबह खेतों में बंदरों से फसल बचाने के लिए गई थीं। पराड़ी क्षेत्र से होकर बहने वाला नाला इन दिनों भारी बारिश के कारण उफान पर है। खेत से लौटते समय उन्हें इस नाले को पार करना पड़ा, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि दोनों उसमें बह गईं। आसपास मौजूद कुछ ग्रामीणों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, मगर तेज धारा के आगे सब असहाय रह गए।

नाले में मिली लाशें 

घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीण बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे और खोजबीन शुरू की। कुछ समय बाद दोनों के शव नाले में घर से महज़ 500 मीटर की दूरी पर बरामद कर लिए गए। इस घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है। ग्रामीणों के अनुसार, इस नाले में बरसात के दिनों में पानी का स्तर अचानक बढ़ जाता है, जिससे हर साल खतरा बना रहता है, लेकिन पर्याप्त सुरक्षा उपाय न होने के कारण ऐसी घटनाएं घटती रहती हैं।

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आक्रोशित हुए स्थानीय लोग 

पुलिस और प्रशासन ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। स्थानीय प्रशासन ने घटना पर गहरा शोक जताया और प्रभावित परिवार को सांत्वना दी। साथ ही, बरसात के मौसम में उफनते नालों और नदियों के किनारे न जाने की अपील की है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि लीलावती मेहनती और सहनशील महिला थीं, जो अपने परिवार की आजीविका के लिए हर दिन खेतों में मेहनत करती थीं। शीतल गांव के स्कूल में पढ़ाई कर रही थी और पढ़ाई के साथ मां के काम में हाथ बंटाती थी। इस हादसे ने परिवार के साथ-साथ पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ा दी है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि बरसाती नालों पर पक्के पुल और सुरक्षा व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। यह घटना एक बार फिर बरसात के मौसम में सावधानी और सुरक्षित मार्ग अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

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