Free Ration Scheme: लाखों राशन कार्ड धारकों को बड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार ने पहली बार अपात्र राशन कार्ड धारकों को इस योजना से बाहर करने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि मुफ्त राशन वितरण योजना में 1 करोड़ से ज़्यादा ऐसे लोग हैं, जो अपात्र होते हुए भी मुफ्त राशन ले रहे हैं। इनमें आयकरदाता, चार पहिया वाहन मालिक और कंपनियों के निदेशक तक शामिल पाए गए हैं। आपको बता दें कि खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने आयकर विभाग, परिवहन मंत्रालय और कॉर्पोरेट मंत्रालय के डेटाबेस से मिलान करके अपात्र लोगों की सूची तैयार की है। फिलहाल यह खबर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कार्ड धारकों के ज्यादा ज़रूरी है।
ताजा आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में करीब 94.71 लाख राशन कार्ड धारक आयकरदाता पाए गए हैं, जबकि 17.51 लाख लोग चार पहिया वाहन मालिक और 5.31 लाख लोग कंपनी निदेशक पाए गए। यानी कुल मिलाकर करीब 1.17 करोड़ कार्ड धारक ऐसे हैं, जो नियमों के मुताबिक इस योजना के दायरे में नहीं आते। केंद्र ने अब राज्यों को इस सूची की जाँच कर 30 सितंबर तक अपात्र लाभार्थियों को सूची से बाहर करने के निर्देश दिए हैं।
यहाँ से भी भेजी गई सूची
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी लाखों परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मुफ़्त राशन लेते हैं। विभाग द्वारा अपात्र कार्डधारकों की सूची ब्लॉक स्तर पर भेज दी गई है। अब लाभार्थी चाहें तो अपने क्षेत्र के पीडीएस केंद्र या ब्लॉक मुख्यालय जाकर देख सकते हैं कि उनका नाम सूची में है या नहीं। इससे वास्तविक ज़रूरतमंदों तक योजना का लाभ पहुँचाना आसान हो जाएगा।
अब अपात्र लोग होंगे बाहर
वहीं, खाद्य विभाग का कहना है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य किसी गरीब को वंचित करना नहीं, बल्कि उन लोगों को सूची से बाहर करना है जो अपात्र होते हुए भी मुफ़्त राशन वितरण योजना का लाभ ले रहे हैं। विभाग का मानना है कि जब अपात्र कार्डधारकों को हटाया जाएगा, तो प्रतीक्षा सूची में खड़े वास्तविक ज़रूरतमंदों को भी इसमें शामिल किया जा सकेगा। बता दें कि अब तक देशभर में 19.17 करोड़ राशन कार्ड जारी किए जा चुके हैं और करीब 76.10 करोड़ लोग इस योजना से जुड़े हैं। नियमों में साफ कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी, एक लाख रुपये या उससे अधिक की वार्षिक आय वाले परिवार, चार पहिया वाहन मालिक और आयकरदाता मुफ्त राशन के हकदार नहीं हैं।