Manoj Jarange Maratha Reservation Protest: मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण की मांग पर अड़े हुए हैं। वह मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल पर हैं। भूख हड़ताल के कारण मनोज जरांगे पाटिल की तबीयत बिगड़ गई है। तबीयत बिगड़ने के बाद डॉक्टर को बुलाया गया। मनोज जरांगे ने ओबीसी वर्ग के आधार पर मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर शुक्रवार को मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल शुरू की थी। इसके बाद रविवार को उनकी हड़ताल का तीसरा दिन है। पिछले दो दिनों से कुछ भी नहीं खाने पर मनोज जरांगे पाटिल की हालत बिगड़ने लगी है।
मनोज जरांगे की तबियत कैसी है?
जानकारी सामने आ रही है कि, मनोज जरांगे पाटिल अभी सो रहे हैं, लेकिन शनिवार आधी रात को उन्हें बेचैनी होने लगी। इसलिए तुरंत डॉक्टरों को आजाद मैदान बुलाया गया। डॉक्टरों ने उनकी जांच की। अगर मनोज जरांगे की भूख हड़ताल कुछ और समय तक जारी रही, तो उनकी हालत तेजी से बिगड़ सकती है। इसलिए सबकी नजर इस बात पर है कि क्या राज्य सरकार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आज इस मामले पर कोई फैसला लेंगे? मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने आए कई प्रदर्शनकारी पिछले दो दिनों से जीटी अस्पताल और सेंट जॉर्ज अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे हैं। पिछले दो दिनों में इन दोनों अस्पतालों में लगभग 100 प्रदर्शनकारियों का इलाज हुआ है, जिनमें बदन दर्द, सिरदर्द, हाथ-पैरों में दर्द और सर्दी जैसी सामान्य बीमारियों से पीड़ित मरीज भी शामिल हैं।
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उप-समिति की अहम बैठक होगी
मराठा आरक्षण उप-समिति की एक अहम बैठक आज सुबह 11 बजे विखे पाटिल के रॉयल स्टोन बंगले में होगी। शनिवार को मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने न्यायमूर्ति शिंदे और मराठा आरक्षण उप-समिति के सचिव से मुलाकात की। यह बैठक आजाद मैदान स्थित मंच पर 45 मिनट तक चली। लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।
इसके बाद जरांगे पाटिल के साथ हुई चर्चा का सारांश कैबिनेट मंत्री विखे पाटिल के समक्ष प्रस्तुत किया गया। शनिवार देर रात राधाकृष्ण विखे पाटिल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ भी एक विशेष बैठक की। अब मराठा आरक्षण उपसमिति की आज सुबह 11 बजे फिर बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
क्या है मांग?
आजाद मैदान में बोलते हुए मनोज जरांगे ने कहा कि सरकार को यह दुष्प्रचार नहीं करना चाहिए कि मराठा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे से आरक्षण की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हम बस यह मांग कर रहे हैं कि हमें कुनबी वर्ग के तहत पात्रता के आधार पर कोटे में उचित हिस्सा मिले। जरांगे ओबीसी वर्ग में मराठों के लिए 10% आरक्षण की मांग कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि मराठों को कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए। कुनबी एक कृषि प्रधान जाति है जिसे ओबीसी वर्ग में इसलिए शामिल किया गया है ताकि उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ मिल सके।
जरांगे ने चेतावनी दी कि हम राजनीति में नहीं पड़ना चाहते। हम बस आरक्षण चाहते हैं। सरकार को मराठा समुदाय के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।
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