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Mandya Egg Row: मिड डे मील की थाली में रास नहीं आया अंडा, फिर 70 बच्चों ने उठाया ऐसा कदम, सुन प्रशासन के उड़े होश!

स्कूल में अंडों की जगह केले या मिठाइयाँ बाँटी जा रही थीं, हालाँकि हाल ही में स्कूल में फिर से अंडे बाँटने का फैसला लिया गया, जिसका कई अभिभावकों ने विरोध किया।

Published by Ashish Rai

Mandya Egg Row: कर्नाटक के मांड्या तालुका के अलाकेरे गाँव में एक चौंकाने वाली घटना घटी। यहाँ एक सरकारी स्कूल के 70 छात्रों ने अंडे बाँटने के विरोध में स्कूल छोड़ दिया। स्कूल में छात्रों को अंडे बाँटने को लेकर बहस छिड़ गई। ज़्यादातर अभिभावकों ने पहले कहा था कि अगर बच्चों को अंडे दिए गए, तो वे अपना स्कूल बदल देंगे। वहीं, कुछ अभिभावकों ने स्कूल में अंडे दिए जाने की माँग की थी।

इसके बाद असमंजस में फंसे स्कूल प्रशासन ने नियमों के अनुसार अंडे बाँटना शुरू कर दिया। इसके बाद बच्चों ने सामूहिक रूप से स्कूल छोड़ दिया है। इस सरकारी स्कूल में कुल 124 बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें से अब 70 से ज़्यादा छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं। छात्रों के अभिभावकों ने अपना गुस्सा ज़ाहिर किया है।

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अंडे बाँटने को लेकर पिछले महीने स्कूल में हुआ था विवाद

छात्रों के अभिभावकों ने कहा कि वे अपने बच्चों को ऐसी जगह नहीं पढ़ाना चाहते जहाँ धार्मिक भावनाओं का सम्मान नहीं किया जाता। उन्होंने स्कूल प्रशासन पर भी निशाना साधा है। पिछले महीने, मांड्या तालुका के अलाकेरे गाँव के इस सरकारी स्कूल में अंडे बाँटने को लेकर विवाद हुआ था। चूँकि स्कूल के पास वीरभद्रेश्वर स्वामी मंदिर है, इसलिए कहा गया था कि स्कूल में अंडे नहीं बाँटे जाने चाहिए।

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कुछ अभिभावकों ने स्थानीय लोगों की इच्छा के मुताबिक, मंदिर के आसपास मांसाहारी भोजन और अंडों पर रोक लगाने की माँग की थी। इसी के चलते, एसडीएमसी ने स्कूल में अंडे न बाँटने का भी निर्णय लिया था। स्कूल में अंडों की जगह केले या मिठाइयाँ बाँटी जा रही थीं, हालाँकि हाल ही में स्कूल में फिर से अंडे बाँटने का फैसला लिया गया, जिसका कई अभिभावकों ने विरोध किया।

अभिभावकों ने यह कहा था

पिछले महीने, ज़्यादातर अभिभावकों ने कहा था कि हमें स्कूल में बच्चों को अंडे दिए जाने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन चूँकि इस इलाके में एक मंदिर है, इसलिए स्कूल में अंडे नहीं पकाए जाने चाहिए। हमारी धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। स्कूल प्रशासन को उन बच्चों के घर अंडे पहुँचाने चाहिए जो अंडे चाहते हैं। अगर स्कूल में अंडे दिए गए, तो हम अपने बच्चों को यहाँ से निकालकर दूसरे स्कूल में भेज देंगे।

वहीं, जब अभिभावकों के एक और समूह ने स्कूल में अंडे देने की ज़िद की, तो अधिकारी और शिक्षक दुविधा में पड़ गए। आखिरकार अंडे बाँटने का काम शुरू किया गया। अब छात्र सामूहिक रूप से स्कूल छोड़कर जा चुके हैं।

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