भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने आज पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया गया है. इस मौके पर भारत की युवा पीढ़ी के साहस, बलिदान, इनोवेशन और शानदार उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) दिए गए है. यह कार्यक्रम नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया है.
किसी भी देश का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है जब उसके युवा हाथों में बड़ा साहस, बड़े सपने और मजबूत इरादे हों. वीर बाल दिवस 2025 पर भारत ने ऐसे ही अदम्य भावना वाले बच्चों को सलाम किया है. ये बच्चे उम्र में भले ही छोटे हों, लेकिन साहस, इनोवेशन, टैलेंट और सेवा भावना के मामले में किसी बड़े हीरो से कम नहीं है.
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आज जब इन युवा नायकों को विज्ञान भवन में मंच पर राष्ट्रपति मुर्मू ने एक-एक करके प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया, तो पूरा देश गर्व से भर गया है. क्योंकि ये सिर्फ़ पुरस्कार नहीं हैं, बल्कि भारत के उज्ज्वल भविष्य की झलकियां है.
9 साल के अजय ने पिता को मगरमच्छ से बचाया
आगरा के 9 साल के अजय राज को बहादुरी कैटेगरी में पुरस्कार मिला. उन्होंने एक छड़ी से मगरमच्छ पर हमला करके अपने पिता को उसके चंगुल से बचाया. उनकी बहादुरी ने हजारों लोगों को प्रेरित किया है.
किसान पिता चंबल नदी से पानी भरने गए थे. अचानक एक मगरमच्छ ने किसान के पैर पर हमला कर दिया और उसे नदी में खींचने लगा. यह देखकर उनका 9 साल का बेटा, जो नदी के किनारे खड़ा था, मगरमच्छ से भिड़ गया.
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उसने एक मोटी बबूल की छड़ी से मगरमच्छ पर बार-बार हमला किया है. इसके बाद मगरमच्छ ने किसान को छोड़ दिया और तैरकर दूर चला गया. इस हमले में किसान के दाहिने पैर में गहरा घाव हो गया. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह पूरी घटना बसौनी के झरनापुरा हरलालपुर गांव के पास हुई.
पंजाब में 10 साल के श्रवण सिंह का सैनिकों के प्रति समर्पण
फिरोजपुर के दस साल के श्रवण को सोशल सर्विस कैटेगरी में अवॉर्ड मिला है. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना को दूध, चाय, छाछ और बर्फ सप्लाई की थी. उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे यह अवॉर्ड मिलेगा. मैं तो बस सैनिकों की सेवा करना चाहता था.”

