हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. चंडीगढ़ पुलिस ने वाई. पूरन कुमार की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज किया है. चंडीगढ़ के एसएसपी ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है. एफआईआर में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत 10 अधिकारियों के नाम हैं. बताया जा रहा है कि आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों का नाम लिया है, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
DGP शत्रुजीत कपूर का पद खतरे में
इस बीच आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार आत्महत्या मामले में चंडीगढ़ में एफआईआर दर्ज होने के बाद हरियाणा सरकार हरकत में आ गई है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक मित्तल को अपने आवास पर तलब किया है. सूत्रों के अनुसार एफआईआर दर्ज होने के बाद डीजीपी शत्रुजीत कपूर को हटाकर उनकी जगह आलोक मित्तल को नियुक्त किया जा सकता है.
2001 बैच के IPS अधिकारी
चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की पत्नी, आईएएस अमनित पी. कुमार की शिकायत के आधार पर मृतक के सुसाइड नोट में उल्लिखित नामों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार सेक्टर 11 स्थित अपने आवास के बेसमेंट के कमरे में मृत पाए गए. उन्होंने खुद को गोली मार ली थी.
सुसाइड नोट में क्या लिखा ?
सूत्रों के अनुसार आईपीएस वाई. पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में कई वरिष्ठ अधिकारियों (आईएएस और आईपीएस) का नाम लिया और कहा कि पिछले कुछ वर्षों से उन्हें मानसिक उत्पीड़न और अपमान का सामना करना पड़ रहा था. उन्होंने अपने सुसाइड नोट में इसका विस्तृत विवरण दिया है. वाई. पूरन कुमार पहले रोहतक रेंज के महानिरीक्षक (आईजी) के पद पर तैनात थे और हाल ही में उनका तबादला सुनारिया हुआ था. घटना के समय उनकी आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान की यात्रा पर थीं.
डीजीपी और रोहतक के एसपी के खिलाफ शिकायत
घटना के बाद अमनीत पी. कुमार जापान से चंडीगढ़ लौट आईं. बुधवार को चंडीगढ़ पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में, उन्होंने दावा किया कि उनके पति की मौत वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सुनियोजित उत्पीड़न का परिणाम थी. उन्होंने हरियाणा के डीजीपी शत्रुघ्न कपूर और एक अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज करने का अनुरोध किया.
पति ने कही ये बात
पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में अमनीत पी. कुमार ने कहा कि उनके पति एक बेदाग प्रतिष्ठा वाले, ईमानदार और असाधारण सार्वजनिक भावना वाले अधिकारी थे. पूरन कुमार अनुसूचित जाति समुदाय से थे. अमनीत पी. कुमार ने आरोप लगाया कि उनके पति की मौत का कारण रसूखदार लोग थे और इससे उनका परिवार बिखर गया. उन्होंने कहा, “मेरे बच्चे जवाब के हकदार हैं. मेरे पति की दशकों की जनसेवा सम्मान की हकदार है, चुप्पी की नहीं.”
पति को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया
आईएएस अमनीत पी. कुमार ने अपनी शिकायत में लिखा, “यह कोई साधारण आत्महत्या का मामला नहीं है, बल्कि स्पष्ट रूप से रसूखदार और उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा मेरे पति के खिलाफ सुनियोजित उत्पीड़न का नतीजा है. मेरे पति, जो अनुसूचित जाति समुदाय से हैं, को इन अधिकारियों ने अपने पद का इस्तेमाल करके मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और अंततः इस हद तक मजबूर कर दिया कि उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा.”