IndiGo Flight Cancellation: जब इंडिगो की देश भर में फ्लाइट कैंसिल होने से हजारों यात्री फंस गए, तो मेरी बेटी – जो हैदराबाद से लौट रही थी और जिसकी शादी होने वाली थी – कोलकाता में शादी की ज़रूरी तैयारियों में शामिल नहीं हो पाने के खतरे में पड़ गई. ऐसे समय में जब उम्मीद बहुत कम लग रही थी, एक करीबी दोस्त उसे बचाने के लिए बेंगलुरु से गाड़ी चलाकर आया, और दूल्हा रास्ते में उससे मिल गया ताकि सफर का आखिरी हिस्सा पूरा किया जा सके. जो एक ट्रैवल संकट के रूप में शुरू हुआ था, वो दोस्ती, कमिटमेंट और प्यार की एक प्रेरणादायक कहानी में बदल गया, जो लगभग 2,000 किलोमीटर तक फैली हुई थी,” अरुण कांति चटर्जी बताते हैं.
पिता ने बताई पूरी कहानी
दिसंबर में आमतौर पर त्योहारों की अपनी अलग ही भीड़ होती है, एयरपोर्ट्स पर भीड़, घर लौटते परिवार, और यात्री दिन, घंटे और मिनट गिनते रहते हैं. लेकिन इस दिसंबर में, भारत ने कुछ अलग देखा. इंडिगो एयरलाइंस, जो बड़े ऑपरेशनल फेलियर से जूझ रही थी, उसने देश भर में कई फ्लाइट्स कैंसिल कर दीं. टर्मिनलों पर अफरा-तफरी मच गई, और हजारों लोग फंस गए. उनमें मेरी बेटी चंद्र भी थी— एक IT प्रोफेशनल जो हैदराबाद में दो हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद कोलकाता अपने घर लौट रही थी. समय बहुत ज़रूरी था: उसकी शादी बस कुछ ही दिन दूर थी, और कई आखिरी तैयारियां उसका इंतज़ार कर रही थीं.
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उसकी वापसी की योजना बिना किसी रुकावट के बनाई गई थी. उसका शेड्यूल बहुत टाइट था. वह बहुत उत्साहित थी. लेकिन किस्मत ने एक अप्रत्याशित मोड़ ला दिया. वह फ्लाइट जो कभी उड़ी ही नहीं. 5 दिसंबर की सुबह, चंद्रा अपना सामान और एक होने वाली दुल्हन की खुशी भरी उम्मीद के साथ हैदराबाद एयरपोर्ट पहुंची. कुछ ही देर बाद, उसकी दुनिया उलट-पुलट हो गई. उसकी इंडिगो फ्लाइट कैंसिल हो गई थी. कोई विकल्प नहीं दिया गया, कोई मददगार गाइडेंस नहीं मिली, और कोई भरोसा दिलाने वाला जवाब नहीं मिला.
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