Home > देश > Ghaziabad Fake Embassy: जिन 4 देशों का राजदूत बनकर ठगी कर रहा था हर्षवर्धन, दुनिया के नक्शे पर कहां हैं मौजूद? ढूंढने में गुजर जएगी उम्र!

Ghaziabad Fake Embassy: जिन 4 देशों का राजदूत बनकर ठगी कर रहा था हर्षवर्धन, दुनिया के नक्शे पर कहां हैं मौजूद? ढूंढने में गुजर जएगी उम्र!

Fake Embassy Scam: त्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने गाजियाबाद में फर्जी दूतावास के जरिये ठगी करने वाले लोगों को ठगने वाले हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया है। जैन पश्चिमी आर्कटिक, सेबोर्गा, पॉलोवाई और लाडोनिया नामक कथित देशों के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाता था। उसका राज खुलते ही ये देश सुर्खियों में आ गए हैं।

By: Deepak Vikal | Published: July 23, 2025 4:11:00 PM IST



Ghaziabad Fake Embassy: उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने गाजियाबाद में फर्जी दूतावास के जरिये ठगी करने वाले लोगों को ठगने वाले हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया है। जैन पश्चिमी आर्कटिक, सेबोर्गा, पॉलोवाई और लाडोनिया नामक कथित देशों के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाता था। उसका राज खुलते ही ये देश सुर्खियों में आ गए हैं। मानचित्र पर खोजने पर भी इन देशों के बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है। न ही इन देशों का उल्लेख विश्व मानचित्र में है।

माइक्रोनेशन क्या  होते है?

माइक्रोनेशन वे देश होते हैं जिन्हें किसी संप्रभु राज्य से मान्यता प्राप्त नहीं होती, लेकिन वहाँ मौजूद देश के लोग अपने भूभाग को एक देश मानते हैं। इन देशों के पास अपना पासपोर्ट नहीं होता और इनके नागरिकों को किसी भी देश में सीधे प्रवेश नहीं दिया जाता।

पूरी दुनिया में वर्तमान में 53 माइक्रोनेशन हैं। 25 से ज़्यादा माइक्रोनेशन समाप्त हो चुके हैं। वहीं, अब 2 कथित देशों को माइक्रोनेशन की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है।

ये 4 देश कहाँ मौजूद हैं?

1. पश्चिमी आर्कटिका- कथित तौर पर, यह अंटार्कटिका के पास एक माइक्रोनेशन देश है। इसका नाम दुनिया के सामने वर्ष 2001 में आया। पश्चिमी आर्कटिका अंटार्कटिका के पश्चिमी भाग में स्थित है। इसकी स्थापना ट्रैविस मैकहेनरी नामक व्यक्ति ने की थी।

हालाँकि, अमेरिकी सैनिकों के दबाव के बाद मैकहेनरी ने इससे दूरी बना ली थी। पश्चिमी आर्कटिका पर अमेरिका का अप्रत्यक्ष प्रभुत्व है। किसी भी देश ने पश्चिमी आर्कटिका को मान्यता नहीं दी है।

इसे मान्यता दिलाने के लिए मैकहेनरी ने 6 राष्ट्राध्यक्षों को पत्र लिखे थे, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

2. सेबोर्गा- सेबोर्गा इटली और फ्रांस की सीमा के पास एक गाँव है। वहाँ के लोगों ने इसे अपना देश घोषित कर दिया है। हालाँकि, अब तक किसी भी देश ने सेबोर्गा को मान्यता नहीं दी है। इस कथित देश की जनसंख्या 283 है।

यहाँ के लोग बागवानी करके अपनी आजीविका चलाते हैं। सेबोर्गा अप्रत्यक्ष रूप से इतालवी शासन के अधीन है। यह कथित देश मानचित्र पर भी नहीं मिलता है।

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3. लाडोनिया- स्वीडन के पास स्थित लाडोनिया भी कथित तौर पर खुद को एक देश मानता है। हालाँकि, दुनिया में किसी ने भी इसे मान्यता नहीं दी है। लाडोनिया को भले ही किसी देश ने मान्यता न दी हो, लेकिन कैरोलिन नाम की एक महिला यहाँ की रानी है।

लाडोनिया में अभी 22 हज़ार से ज़्यादा लोग रहते हैं। यहाँ की सरकार नागरिकता देने में काफ़ी आगे है। स्वीडन की सीमा पर होने के कारण यहाँ नागरिकता पाने की होड़ लगी रहती है।

4. पाउलोवाई- यह दुनिया का सबसे पुराना माइक्रोनेशन देश है। यह यूरोप में स्थित है और यहाँ लगभग 800 लोग रहते हैं। यह देश लिथुआनिया के पास है और 6.3 मील में फैला हुआ है। इसे भी किसी देश ने मान्यता नहीं दी है। यहाँ के लोग खंडहरों में रहते हैं।

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