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Mohan Bhagwat का बड़ा ‘यू-टर्न’, बोले- ‘न रिटायर होऊंगा, न किसी को रिटायर होने के लिए कहूंगा’

100 years Of RSS: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस सवाल का जवाब दिया कि क्या राजनेताओं को 75 साल की उम्र के बाद अपना पद छोड़ देना चाहिए। भागवत ने कहा, "मैंने कभी नहीं कहा कि मुझे पद छोड़ना चाहिए या किसी और को पद छोड़ना चाहिए।

By: Ashish Rai | Published: August 28, 2025 8:50:59 PM IST



75 year retirement: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस सवाल का जवाब दिया कि क्या राजनेताओं को 75 साल की उम्र के बाद अपना पद छोड़ देना चाहिए। भागवत ने कहा, “मैंने कभी नहीं कहा कि मुझे पद छोड़ना चाहिए या किसी और को पद छोड़ना चाहिए। जिस दिन मुझे शाखा चलाने के लिए कहा जाएगा, मैं चला जाऊँगा।” इसके साथ ही भागवत ने उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया कि वे सेवानिवृत्त हो रहे हैं या आरएसएस भाजपा में किसी और पर सेवानिवृत्त होने का दबाव बना रहा है।

मोहन भागवत ने कहा, “संघ में हमें काम दिया जाता है, चाहे हम चाहें या न चाहें। अगर मैं 80 साल का भी हो जाऊँ और मुझे शाखा चलाने के लिए कहा जाए, तो भी मुझे जाना होगा। हम वही करते हैं जो संघ कहता है। जो कहा जाएगा, वही होगा। मैं सरसंघचालक हूँ, लेकिन क्या आपको लगता है कि सिर्फ़ मैं ही सरसंघचालक हो सकता हूँ? यह किसी के लिए सेवानिवृत्ति का मामला नहीं है।”

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इस उदाहरण के जरिए समझाया

संघ प्रमुख ने भैयाजी दाणी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “भैयाजी दाणी लंबे समय तक संघ के कार्यवाह रहे।” यहाँ आने के बाद पूरा समय देना पड़ता है। उनकी स्थिति ऐसी थी कि घर-गृहस्थी ठीक चल रही थी, वे यात्रा कर सकते थे। संघ को समय दे सकते थे। हम पूरा समय देते हैं, इसलिए हम पर काम का बोझ ज़्यादा है। हम स्वयंसेवकों के कार्यकर्ता हैं।

महाकुंभ में न जाने पर भी कही ये बात

महाकुंभ में न जाने को लेकर सवाल पूछे गए। इस पर मोहन भागवत ने कहा, “हमें जहाँ कहा जाता है, हम वहाँ जाते हैं। मैंने महाकुंभ की तारीख़ ली थी, लेकिन हमारे लोग वहाँ थे। संघ वहाँ था, लेकिन मैं वहाँ नहीं था। मुझे बताया गया था कि वहाँ भीड़ होगी। कृष्ण गोपाल जी ने मेरे लिए जल भेजा। मैंने मौनी अमावस्या के दिन उस जल से स्नान किया। संघ ने मुझे बताया और मन उस काम से वंचित रह गया। अगर संघ हमें भाड़ में जाने को कहता है, तो मैं चला जाऊँगा।”

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