Himachal Kullu Cloud Burst: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू ज़िले के लगघाटी में कनून की ऊँची पहाड़ी पर सुबह 2.30 बजे बादल फटने के बाद अचानक बाढ़ आ गई। बादल फटने से आई बाढ़ में कनून में तीन दुकानें बह गईं और लोगों की ज़मीनों, बगीचों और फसलों को भारी नुकसान पहुँचा है। वहीं, सरवरी खड्ड में जलस्तर में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। बाढ़ के कारण एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे ग्रामीण इलाकों में लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है।
घटनास्थल से प्राप्त दृश्यों में एक पहाड़ी सड़क क्षतिग्रस्त और पत्थरों व मलबे से लदी हुई दिखाई दे रही है। साथ ही एक नाला भी उफान पर बहता हुआ दिखाई दे रहा है।प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, लगघाटी में भुबू और आसपास के गाँवों के पास बादल फटने की घटना हुई। अचानक हुई बारिश से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और कई घर और वाहन बह गए।
चूँकि यह इलाका बेहद दुर्गम है, इसलिए अधिकारी अभी भी विस्तृत जानकारी जुटा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
बह गया बुबू नाले पर बना पुल
एक युवक ने बताया कि कनून गाँव में बुबू नाले पर बना पुल बह गया और तीन दुकानें बह गईं। युवक ने बताया कि उसे पूरी रात नींद नहीं आई। युवक ने बताया कि बादल फटने के बाद गाँव का संपर्क टूट गया है और काफ़ी नुकसान हुआ है और सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर आ गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में बारिश
हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो रही है, जिससे भूस्खलन हुआ है और दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 389 सड़कें बंद हो गई हैं। मानसून के कहर के चलते कई इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित रही।अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
सोमवार को, सतलुज नदी में भारी भूस्खलन के बाद सुन्नी क्षेत्र में तट्टीपानी के पास शिमला-मंडी मार्ग बंद कर दिया गया। सड़क केवल 1.5 मीटर तक संकरी हो गई है, जिससे वाहनों के लिए यह असुरक्षित हो गई है। थाली पुल से होकर जाने वाला वैकल्पिक मार्ग भी बंद है, जिससे करसोग का शिमला से संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
टूट गया 15 गाँवों का सड़क संपर्क
रिपोर्टों के अनुसार, कुल्लू जिले में पागल नाला के पास औट-लारगी-सैंज मार्ग पर हुए भारी भूस्खलन से लगभग 15 गाँवों का सड़क संपर्क टूट गया है।
इस बीच, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने कांगड़ा जिले में पौंग बांध में बढ़ते जल स्तर को लेकर अलर्ट जारी किया है। 20 अगस्त को सुबह 6 बजे से चरणों में पानी छोड़ा जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि हर 12 घंटे में लगभग 6,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा, और अंतर्वाह और जलाशय की स्थिति के आधार पर बहिर्वाह 75,000 क्यूसेक तक बढ़ सकता है।
फतेहपुर, इंदौरा और देहरा उप-विभागों के अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है और जिला प्रशासन ने निचले और नदी किनारे के इलाकों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया है।