Home > देश > प्रेसिडेंट बनने से ठीक पहले ही एपीजे अब्दुल कलाम का हेलीकॉप्टर हो गया था क्रैश, मौत के मुह से हंसते हुए बाहर निकले थे मिसाइल मैन, जानें पूरी कहानी

प्रेसिडेंट बनने से ठीक पहले ही एपीजे अब्दुल कलाम का हेलीकॉप्टर हो गया था क्रैश, मौत के मुह से हंसते हुए बाहर निकले थे मिसाइल मैन, जानें पूरी कहानी

APJ Abdul Kalam Birthday: एपीजे अब्दुल कलाम की ज़िंदगी में एक ऐसा पल भी आया जब मौत उनके सामने खड़ी थी. बात 2001 की है जब सितंबर के महीने में  कलाम झारखंड के बोकारो ज़िले में पवन हंस हेलीकॉप्टर में सफ़र कर रहे थे तभी हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया.

By: Divyanshi Singh | Last Updated: October 15, 2025 11:51:31 AM IST



APJ Abdul Kalam Birthday: आज 15 अक्टूबर को भारत भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से मशहूर महान साइंटिस्ट एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती (APJ Abdul Kalam Birthday) मना रहा है. उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम के एक छोटे से मछली पकड़ने वाले गांव धनुषकोडी में हुआ था. अब्दुल कलाम एक बहुत ही साधारण परिवार में पले-बढ़े. परिवार की आर्थिक हालत खराब थी, इसलिए उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ अखबार बांटने का काम भी करना पड़ा. इन मुश्किलों के बावजूद, उन्होंने सपने देखे, पढ़ाई की और साइंटिस्ट बने. कलाम 29 साल की उम्र में DRDO में और 38 साल की उम्र में ISRO में साइंटिस्ट बने. फिर उन्होंने भारत की पहली मिसाइल, “अग्नि” बनाई, न्यूक्लियर टेस्ट में अहम ज़िम्मेदारी संभाली और फिर 71 साल की उम्र में भारत के 11वें प्रेसिडेंट बने. उनकी जयंती पर आइए आपको उनसे जुड़ी एक हैरान करने वाली कहानी बताते है.

हेलीकॉप्टर क्रैश 

बता दें कि एपीजे अब्दुल कलाम की ज़िंदगी में एक ऐसा पल भी आया जब मौत उनके सामने खड़ी थी. बात 2001 की है जब सितंबर के महीने में  कलाम झारखंड के बोकारो ज़िले में पवन हंस हेलीकॉप्टर में सफ़र कर रहे थे तभी हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. उस समय कलाम प्रधानमंत्री के चीफ़ साइंटिफिक एडवाइज़र थे और एक स्कूल प्रोग्राम के लिए रांची से बोकारो जा रहे थे. हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बावजूद उनके चेहरे पर मुस्कान बनी रही और उनके कॉन्फिडेंस ने सभी को इम्प्रेस किया. यह हादसा उनके भारत के 11वें प्रेसिडेंट बनने से करीब दस महीने पहले हुआ था.

ज़ोरदार धमाके के साथ क्रैश हुआ हेलीकॉप्टर

उनकी किताब, “ब्राइट माइंड” में इस हेलीकॉप्टर क्रैश का ज़िक्र किया गया है. इस किताब में कलाम ने लिखा है कि “30 सितंबर 2001 को मैं रांची से बोकारो जा रहा था. जिस हेलीकॉप्टर में मैं जा रहा था, वह लैंडिंग से ठीक पहले क्रैश हो गया.” शायद उसके इंजन में कोई दिक्कत थी. हेलीकॉप्टर ज़ोर के झटके के साथ लैंड हुआ. उसमें सवार सभी यात्री सुरक्षित थे. मैंने उस पल भगवान का शुक्रिया अदा किया. उसके बाद मैं बिल्कुल परेशान नहीं हुआ. मैं पहले से तय प्रोग्राम के मुताबिक बच्चों को एड्रेस करने गया. यहां यह बताना ज़रूरी है कि उनका प्रोग्राम बोकारो के चिन्मय स्कूल में था.

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किताब में आगे बताया कि कलाम ने बताया कि उस रात डॉक्टरों की एक टीम मुझसे मिलने आई थी. इस टीम ने मुझे एक्सीडेंट का शॉक कम करने के लिए दवा लेने की सलाह दी. मैंने उनकी सलाह के मुताबिक दवा ली. उसके बाद, दवा का असर होने लगा. उस दिन, मैं रात 1 बजे से पहले सो गया, जो मेरे सोने का रोज़ का समय है. मैं आमतौर पर सुबह 6 बजे उठता हूं, लेकिन उस दिन मैं सुबह 8 बजे उठा. उस रात मैं बेचैन था. रात भर जागने और सोने के बीच विचारों का सिलसिला चलता रहा.

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