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वायू प्रदूषण के बाद अब इस चीज से परेशान हुए दिल्ली के लोग, दिवाली की रात राजधानी में मची चीख पुकार

Delhi Noise Pollution: इस साल दिवाली पर शहर पिछले दो सालों की तुलना में ज़्यादा शोरगुल वाला रहा क्योंकि ज़्यादा इलाकों में ध्वनि स्तर तय मानकों से ऊपर दर्ज किए गए.

Published by Divyanshi Singh

Delhi Noise Pollution: इस दिवाली शहर में पिछले दो सालों की तुलना में ज़्यादा शोर रहा क्योंकि ज़्यादातर इलाकों में ध्वनि का स्तर तय मानकों से ज़्यादा दर्ज किया गया. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने शहर के सभी इलाकों को ध्वनि स्तर के हिसाब से चार ज़ोन में बांटा है. इलेंट, रिहायशी, व्यावसायिक और औद्योगिक ज़ोन.

 दिन और रात के लिए मानक अलग-अलग हैं.शांत ज़ोन के लिए, रात में अधिकतम स्वीकार्य डेसीबल स्तर 40 dBA और दिन में 50 dBA है. आवासीय इलाकों में रात में यह 45 और दिन में 55 dBA है. व्यावसायिक इलाकों के लिए रात में अधिकतम स्वीकार्य स्तर 55 यूनिट और दिन में 65 यूनिट है.औद्योगिक इलाकों में रात के समय अधिकतम 70 यूनिट और दिन में 75 यूनिट है.पांच साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर लगी पाबंदी को शर्तों के साथ हटाया था.केवल ग्रीन पटाखों की अनुमति दी गई और इन्हें फोड़ने के लिए तय समय सीमा रखी गई थी.

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हालांकि, DPCC के आंकड़ों से पता चला कि न केवल शोर का स्तर सुरक्षा मानकों से ज़्यादा था बल्कि तय समय सीमा का भी पालन नहीं किया गया. पूरे शहर में मौजूद 26 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 23 ने सुरक्षा मानकों को पार किया. 2024 में 31 में से 22 इलाकों ने और 2023 में 31 में से 13 इलाकों ने मानकों को पार किया था.आंकड़ों में यह भी सामने आया कि सबसे ज़्यादा शोर वाले इलाकों में सोमवार रात 9 से 11 बजे के बीच ध्वनि स्तर सबसे ऊंचा था, लेकिन कुछ इलाकों में 2 बजे रात तक भी शोर सीमा से ज़्यादा रहा.

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SUMMARY-इस साल दिवाली पर शहर पिछले दो सालों की तुलना में ज़्यादा शोरगुल वाला रहा क्योंकि ज़्यादा इलाकों में ध्वनि स्तर तय मानकों से ऊपर दर्ज किए गए.

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क्या त्योहारों के दौरान ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कड़े नियम लागू किए जाने चाहिए?

इस साल ध्वनि स्तर 49.3 से 93.5 dBA के बीच रहा. 2024 में यह 58 से 88.7 dBA और 2023 में 53.7 से 84.5 dBA के बीच था. करोल बाग जो एक व्यावसायिक इलाका है में रात 11 बजे शोर स्तर 93.5 dBA दर्ज किया गया जो पिछले साल की दिवाली (94.5 dBA) से थोड़ा कम था. पूरे दिन यानी दिवाली के दिन सुबह 7 बजे से लेकर 21 अक्टूबर की रात 2 बजे तक शोर का स्तर मानक से ज़्यादा रहा. शोर का स्तर 66.5 से 93.5 dBA के बीच था. रात 2 बजे शोर स्तर 85.3 dBA था, जबकि रात का मानक 55 dBA है. करोल बाग का रात का औसत 88.4 dBA था, जो पिछले साल के 88.7 dBA के लगभग बराबर था. 2023 में यह 84.5 dBA था.

साइलेंट ज़ोन में श्री औरोबिंदो मार्ग पर औसत शोर स्तर 65 dBA दर्ज किया गया. रात 9 बजे इसका पीक स्तर 75.7 dBA रहा. साइलेंट ज़ोन जहां रात में शोर स्तर 40 dBA से अधिक नहीं होना चाहिए वहां 9 बजे रात से 1 बजे तक ज़्यादा शोर दर्ज हुआ. बावाना में महार्षि वाल्मीकि अस्पताल के पास 8 बजे रात को शोर स्तर 77.9 dBA तक पहुंचा. यह इलाका भी साइलेंट ज़ोन में आता है. लाजपत नगर जो एक व्यावसायिक इलाका है में रात 10 बजे 83.3 dBA शोर दर्ज हुआ और दोपहर से रात 1 बजे तक यह मानक से ज़्यादा रहा. विवेक विहार एक रिहायशी इलाके में रात 9 बजे 85 dBA दर्ज हुआ और शाम 7 बजे से रात 2 बजे तक यह इलाका शोरगुल वाला रहा.

द्वारका में रात 10 बजे 81.1 dBA और द्वारका सेक्टर 8 में 80.6 dBA दर्ज हुआ. साइलेंट ज़ोन में सूचीबद्ध सात इलाकों में से केवल दो जगहें कम शोर वाली पाई गईं. इसी तरह रिहायशी, व्यावसायिक और औद्योगिक इलाकों में भी पिछले साल की दिवाली से ज़्यादा शोर दर्ज किया गया. जुलाई 2022 में एनजीटी के निर्देश में कहा गया था कि सरकार को शोर प्रदूषण को वायु प्रदूषण के समान महत्व देना चाहिए और जब भी वायु प्रदूषण को कम करने की योजना बनाई जाए, तो शोर प्रदूषण को कम करने के उपाय भी उसमें शामिल होने चाहिए.

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