Home > देश > Private school fees: अब नहीं चलेगी लूट! प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर लगेगी लगाम, शिक्षा मंत्री ने दिया बड़ा बयान

Private school fees: अब नहीं चलेगी लूट! प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर लगेगी लगाम, शिक्षा मंत्री ने दिया बड़ा बयान

Private school fees: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वसूली अब नहीं चलेगी। इसको लेकर हाल ही में शिक्षा मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम (DSEAR) 1973 के तहत अब तक डीडीए से ज़मीन लेने वाले केवल 300 स्कूलों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई थी। लेकिन, अब दिल्ली के लगभग 1700 निजी स्कूल शुल्क नियमन के दायरे में आ गए हैं।

By: Shivani Singh | Published: August 27, 2025 10:38:40 PM IST



Ashish Sood: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वसूली अब नहीं चलेगी। इसको लेकर हाल ही में शिक्षा मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम (DSEAR) 1973 के तहत अब तक डीडीए से ज़मीन लेने वाले केवल 300 स्कूलों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई थी। लेकिन, अब दिल्ली के लगभग 1700 निजी स्कूल शुल्क नियमन के दायरे में आ गए हैं।

18 लाख छात्रों को मनमानी से सुरक्षा मिली है

आपको बता दें कि बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ सेंटर-2 में छात्रों और शिक्षकों से बात करने के दौरान शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता अधिनियम-2025 के लागू होने के बाद 1700 स्कूलों में पढ़ने वाले 18 लाख छात्रों को मनमानी से सुरक्षा मिली है। उन्होंने कहा कि नए कानून के तहत, त्रि-स्तरीय शुल्क निर्धारण तंत्र बनाया गया है। इनमें एक स्कूल स्तरीय शुल्क निर्धारण समिति शामिल है। इसमें प्रबंधन, प्रधानाचार्य, तीन शिक्षक, पाँच अभिभावक (एससी-एसटी/महिला प्रतिनिधित्व अनिवार्य) और शिक्षा निदेशालय का एक प्रतिनिधि शामिल होगा।

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एक ज़िला स्तरीय समिति बनाई गई है और अगर स्कूल स्तर पर आम सहमति नहीं बनती है, तो कोई भी अभिभावक यहाँ अपील कर सकता है। राज्य स्तरीय अपीलीय समिति का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होगा। निर्धारित शुल्क तीन वर्षों तक लागू रहेगा, जिससे अभिभावकों को आर्थिक और भावनात्मक स्थिरता मिलेगी। सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाएँगे, बहुमत से नहीं।

आपको बताते चलें कि कानून का उल्लंघन करने पर स्कूलों पर प्रति छात्र 50 हज़ार से दो लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा। हर 20 दिन की देरी पर जुर्माना दोगुना हो जाएगा। अगर कोई स्कूल समिति के निर्णयों का पालन नहीं करता है, तो उसकी मान्यता या लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।

शिक्ष मंत्री ने इसके साथ ही कहा कि पिछली सरकारों ने शिक्षा सुधार की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। पिछली सरकारों की नीतियों ने अभिभावकों को निजी स्कूलों की मनमानी का शिकार होने पर मजबूर किया। भ्रष्टाचार ने शिक्षा क्रांति की बड़ी-बड़ी बातें करने वालों की पोल खोल दी।

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