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‘मुस्लिम लड़कियों को आज भी सहना पड़ रहा खतना का दर्द’, जानें- CJI गवई ने चिंता जताते हुए क्या-क्या कहा?

CJI BR Gavai on Women Rights: दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में शनिवार को बोलते हुए CJI बीआर गवई ने मुस्लिम महिलाओं के खतना प्रथा पर चिंता जताई है.

By: Sohail Rahman | Published: October 12, 2025 12:52:03 PM IST



CJI BR Gavai on FGM: मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई (CJI BR Gavai) ने शनिवार (11 अक्टूबर, 2025) को लड़कियों के अधिकारों को लेकर बड़ा बयान दिया है. दरअसल, उन्होंने बयान देते हुए कहा कि संवैधानिक गारंटी के बावजूद देश में अब भी कई लड़कियों को उनके मौलिक अधिकारों और जीवित रहने की बुनियादी जरूरतों से वंचित रखा जा रहा है. आगे उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि देश की बेटियां आज भी खतना (FGM) जैसी हानिकारक और अमानवीय प्रथाओं का सामना कर रही हैं.

दाउदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में प्रचलित है यह प्रथा

खास बात यह है कि दाउदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में प्रचलित FGM (Female Genital Mutilation) की वैधता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संविधान पीठ को इस पर फैसला लेना है. यह वही बेंच है जिसे सबरीमाला मंदिर, पारसी समुदाय की अग्यारी और मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश से जुड़ी भेदभावपूर्ण प्रथाओं की वैधता पर भी विचार करना है.

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CJI ने क्या-क्या कहा?

CJI ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि तकनीकी प्रगति ने जहां लड़कियों को नई ताकत दी है, वहीं उसने नई चुनौतियां और कमजोरियां भी पैदा की हैं. अब खतरे सिर्फ गलियों या घरों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि डिजिटल दुनिया तक फैल चुके हैं. ऑनलाइन उत्पीड़न, साइबरबुलिंग, डिजिटल स्टॉकिंग, डेटा का गलत इस्तेमाल और डीपफेक इमेजरी तक. उन्होंने संस्थानों, नीति निर्माताओं और प्रवर्तन एजेंसियों से अपील की कि वे इन नई चुनौतियों को समझें और तकनीक को शोषण नहीं, मुक्ति का जरिया बनाएं. आगे उन्होंने कहा कि आज बालिकाओं की सुरक्षा का मतलब है. उनके कक्षा, कार्यस्थल और हर स्क्रीन पर उनके भविष्य को सुरक्षित करना.

इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बी.वी. नागरत्ना ने कहा कि भारत में एक युवा लड़की तभी समान नागरिक कहलाएगी जब वह अपने पुरुष साथियों की तरह आजाद होकर अपने सपने पूरे करने की हिम्मत रखे और समाज से उन्हें बिना किसी भेदभाव के  समान समर्थन और संसाधन मिलें.

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