Shashi Tharoor: ट्रंप के टैरिफ पर कुछ लोग घुमा-फिराकर सलाह दे रहे थे, “अमेरिका से पंगा क्यों लेना, बस एक डील कर लो और बात खत्म।” अमेरिका में कुछ अधिकारी और नेता भी भारत को यही सलाह दे रहे थे। लेकिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सबको साफ़ जवाब दिया। थरूर ने कहा- अगर आप भारत को ज़िद्दी कह रहे हैं, तो सुन लीजिए, अड़ियल बने रहना ही बेहतर है… हम अन्याय के समक्ष झुकने, दबने या चुप रहने को तैयार नहीं हैं।
शशि थरूर ने साफ़ संकेत दिया कि भारत न तो ट्रंप के टैरिफ के दबाव में आएगा और न ही किसी डील के नाम पर अपनी शर्तें छोड़ेगा। उन्होंने लिखा, “अगर आप हमें ज़िद्दी कहते हैं, तो हमें इस ज़िद्दीपन पर गर्व है।” यह पहली बार नहीं है जब शशि थरूर ने भारत के लिए इस तरह के बयान दिए हों। सोशल मीडिया पर उनके पुराने ट्वीट्स खंगालेंगे, तो आपको हर दूसरे ट्वीट में भारत के गौरव, स्वाभिमान और गरिमा की झलक दिखाई देगी। जब भी पश्चिमी मीडिया ने भारत की कूटनीति पर सवाल उठाए हैं, थरूर ने हमेशा आक्रामक तरीके से जवाब दिया है।
I hear some people are accusing India of being “recalcitrant“. I say, far better to be recalcitrant, than to be tractable, submissive or acquiescent to injustice.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 14, 2025
भारत सिर्फ़ नक्शे पर एक देश नहीं है
बता दें, इससे पहले कांग्रेस नेता ने एक बार लिखा था, “भारत महज नक्शे पर एक देश नहीं है, बल्कि एक सभ्यता वाली आत्मा है।” जब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को ‘मामूली खिलाड़ी’ कहने की कोशिश हुई, तो थरूर ने ट्वीट करके इसकी कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने यहाँ तक लिखा था- “कभी भी उस देश को कम मत समझो जिसके पीछे हजारों वर्षों का इतिहास छिपा हो।”
ट्रंप टैरिफ विवाद में भारत की ‘जिद’ क्यों सही है
थरूर का संदेश सिर्फ़ अमेरिका के लिए ही नहीं, बल्कि उन भारतीयों के लिए भी है जो मानते हैं कि बड़े देशों से टकराव नुकसानदेह है। हक़ीक़त यह है कि ट्रंप प्रशासन भारत पर टैरिफ का दबाव बनाकर व्यापार समझौते में अपनी फ़ायदेमंद शर्तें थोपना चाहता था, लेकिन थरूर जैसे नेता मानते हैं कि सम्मान के बिना किया गया समझौता, समझौता नहीं, बल्कि एक सौदा है… और भारत सौदेबाज़ी के लिए नहीं बना है।
सोशल मीडिया पर मिला समर्थन
थरूर का ट्वीट वायरल होते ही उसे हज़ारों लाइक और रीट्वीट मिले। कई यूज़र्स ने लिखा, “यह असली भारत की आवाज़ है।” किसी ने कहा- थरूर ने हमारी भावनाओं को शब्दों में पिरो दिया। तो किसी ने मज़ाक में कहा- यह ट्वीट ट्रम्प के कानों में डीजे के बेस की तरह बज रहा होगा।