SIR In Assam: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का काम पूरा हो चुका है। इसके बाद माना जा रहा था कि अब पश्चिम बंगाल की बारी है। लेकिन अब खबर आ रही है कि चुनाव आयोग असम में भी एसआईआर करवाने की तैयारी कर रहा है। इस संबंध में असम के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) अनुराग गोयल ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) को निर्देश जारी किए हैं।
चुनाव अधिकारियों को निर्देष
निर्देशों में साफ कहा गया है कि चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा अगले 15-20 दिनों में कार्यक्रम जारी करने से पहले सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। इसके अलावा सभी चुनाव निबंधन अधिकारी (ईआरओ), सहायक ईआरओ और बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की भी तुरंत तैनाती करने का आदेश दिया गया है। नए बनने वाले मतदान केंद्रों के लिए अभी से अतिरिक्त बीएलओ की भी पहचान कर ली जाए, ताकि आयोग की मंजूरी मिलते ही काम शुरू हो सके।
SIR बेहद जरूरी है – CM हिमंत बिस्वा सरमा
राज्य के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि SIR बेहद ज़रूरी है ताकि मतदाता सूची से अवैध नाम हटाए जा सकें। उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा कि वोट चोरी और आधार से जुड़े वोटर आईडी पर चल रही बहस इस मांग को और सही साबित करती है।
सीएम हिमंत ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि, सरमा ने आरोप लगाया कि ‘असम में बांग्लादेशी मूल के मियां मुसलमानों के नाम न केवल बारपेटा, गुवाहाटी, बल्कि केरल और दिल्ली की मतदाता सूची में भी हैं।’
आपको बता दें कि असम में मुस्लिम आबादी का अनुपात लगभग 35% है, और राजनीतिक रूप से यह मुद्दा हमेशा से विवाद का कारण रहा है। इसके अलावा, वर्ष 2023 में यहाँ 126 विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण किया गया था। असम में आखिरी बार गहन संशोधन 2005 में किया गया था।
बंगाल में SIR को लेकर EC तैयार
बंगाल में भी चुनाव आयोग ने SIR के लिए कमर कस ली है। बंगाल के सीईओ मनोज अग्रवाल ने भी पुष्टि की है कि राज्य में SIR की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। गौरतलब है कि ममता सरकार SIR के खिलाफ है और उनकी तरफ से कहा गया है कि बंगाल अभी SIR के लिए तैयार नहीं है।