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ओवैसी के भड़काऊ भाईजान ने राजनीति छोड़ने के क्यों दिए संकेत? यहां जानें- सबसे बड़ी वजह

Akbaruddin Owaisi: बिहार विधानसभा चुनाव में AIMIM के बेहतरीन प्रदर्शन से गदगद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अब मैं थक गया हूं. आराम करना चाहता हूं.

By: Sohail Rahman | Published: November 16, 2025 6:49:11 PM IST



AIMIM MLA Akbaruddin Owaisi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता और चांद्रायनगुट्टा से विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की सफलता उन लोगों के मुंह पर तमाचा है जो AIMIM को बी-टीम या दूसरी पार्टियों का एजेंट बताते थे. उन्होंने यह भी कहा कि अब वह राजनीति से थक चुके हैं और एक ब्रेक चाहते हैं.जानकारी के अनुसार, शनिवार (15 नवंबर, 2025) को पुराने शहर के हाफिज बाबा नगर में सालार-ए-मिल्लत एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा निर्मित डॉ. नूरुद्दीन ओवैसी एजुकेशनल कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन करते हुए अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तेलंगाना में चाहे कोई भी सरकार सत्ता में आए, वह हमेशा AIMIM से दोस्ती करने की कोशिश करती है.

महागठबंधन से AIMIM का गठबंधन होता तो नतीजे होते अलग?

बिहार विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए AIMIM ने बिहार में 5 सीटों को जीतने में कामयाबी हासिल की है. अब इस नतीजे के बाद ये समझ में आ रहा है कि अगर AIMIM महागठबंधन में शामिल होती तो शायद नतीजे कुछ और होते. क्योंकि नतीजे बता रहे हैं कि कांग्रेस ने करीब 10 सीटों पर AIMIM के उम्मीदवारों का काम खराब किया है. खासकर 34 मुस्लिम बहुल सीटों पर नतीजे कुछ और हो सकते थे अगर AIMIM महागठबंधन में शामिल होती.

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अकबरुद्दीन ने किसे दिया जीत का श्रेय?

अकबरुद्दीन ने इसका श्रेय एआईएमआईएम की बढ़ती ताकत और पार्टी के जादू को दिया. उन्होंने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को बधाई देते हुए कहा कि पार्टी ने न केवल बिहार विधानसभा में 5 सीटें जीतीं, बल्कि जुबली हिल्स सीट जीतने वाले नवीन यादव का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि जो लोग यह भविष्यवाणी कर रहे थे कि रेवंत रेड्डी के मुख्यमंत्री बनने के बाद मजलिस अपना महत्व खो देगी, वे तब हैरान रह गए जब उन्होंने एआईएमआईएम की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया.

अकबरुद्दीन ने राजनीति छोड़ने की जताई इच्छा

सियासत की एक रिपोर्ट के अनुसार, अकबरुद्दीन ने अपने राजनीतिक सफर के बारे में बात करते हुए कहा कि मैं छह बार विधायक चुना गया हूं और मुझे जनता का अपार प्यार और सम्मान मिला है. मैंने बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षण संस्थान स्थापित किए. अब मेरी एक ही इच्छा है: मैं आराम चाहता हूं. मैं थक गया हूं और एक शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहता हूं. अगर मेरी जगह कोई मज़बूत नेता उभरता है, तो मैं खुशी-खुशी पद छोड़ दूंगा और अपना बाकी जीवन इन संस्थानों की देखरेख में बिताऊंगा.

अकबरुद्दीन ओवैसी अपने तीखे बयानों के लिए जाने जाते हैं और अक्सर ऐसा जोश दिखाते हैं जो जनता को प्रभावित करता है. उनके प्रशंसक राजनीति से उनके संन्यास की खबर सुनकर बहुत खुश नहीं होंगे.

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