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USFDA Report: अगर आप भी इन बर्तनों में खाना पकाते हैं, तो आज ही भंगार वाले को दे दें दान, वरना ये बन सकते हैं आपकी जान के दुश्मन!

USFDA Report: खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले बर्तनों का बहुत महत्व होता है। ये खाने के पोषण मूल्य को बनाने या बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं। आपको बता दें कि हाल ही में अमेरिकी खाद्य नियामक USFDA ने भारतीय कंपनी सरस्वती स्ट्रिप्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाए गए बर्तनों के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी जारी की है, पूरी खबर यहाँ पढ़िए...

By: Shivani Singh | Last Updated: August 19, 2025 9:26:22 PM IST



USFDA Report: खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले बर्तनों का बहुत महत्व होता है। ये खाने के पोषण मूल्य को बनाने या बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं। कई रिसर्च ने यह साबित किया है कि बर्तनों में इस्तेमाल होने वाली धातु कई बार ऐसे रसायन छोड़ती है जो खाने को पौष्टिक बनाते हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि कुछ हानिकारक रसायन भी पाए जा सकते हैं जो जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकते हैं। आपको बता दें कि हाल ही में अमेरिकी खाद्य नियामक USFDA ने भारतीय कंपनी सरस्वती स्ट्रिप्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाए गए बर्तनों के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी जारी की है।

आपको बता दें कि जारी चेतावनी में कहा गया है, इन बर्तनों में खाने में खतरनाक स्तर का सीसा हो सकता है। नियामक के मुताबिक, टाइगर व्हाइट ब्रांड नाम से बिकने वाले इन बर्तनों को ‘शुद्ध एल्युमीनियम के बर्तन’ के रूप में बेचा जा रहा है। एजेंसी ने कहा कि एल्युमीनियम, पीतल और एल्युमीनियम के मिश्रण से बने बर्तनों में खाना पकाने से सीसा निकलता है। इससे खाना असुरक्षित हो जाता है। ऐसे में USFDA ने लोगों को इन बर्तनों का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। साथ ही, दुकानदारों को इन्हें बेचने से मना किया है।

USFDA की चेतावनी डराने वाली है। उसने सरस्वती स्ट्रिप्स प्राइवेट लिमिटेड नामक भारतीय कंपनी द्वारा बनाए गए बर्तनों को लेकर चिंता जताई है। उसका कहना है कि ये इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित नहीं हैं। इन बर्तनों में सीसे की मात्रा बहुत ज़्यादा पाई गई है, जो स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक है।

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अमेरिकी खाद्य नियामक ने क्या कहा है? 

यूएसएफडीए का कहना है कि ये बर्तन टाइगर व्हाइट ब्रांड नाम से बेचे जाते हैं। इस ब्रांड के बर्तन एल्युमीनियम, पीतल और एल्युमीनियम के मिश्रण से बने होते हैं। जब इन बर्तनों में खाना पकाया जाता है, तो खाने में सीसा मिल जाता है। इससे खाना ज़हरीला हो जाता है।

आपको बताते चलें कि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एल्युमीनियम, पीतल और एल्युमीनियम के मिश्रण से बने कुछ बर्तनों में भी सीसा पाया गया है, जिन्हें हिंडालियम/हिंडोलियम या इंडालियम/इंडोलियम के नाम से जाना जाता है। साथ ही USFDA ने कहा है, ‘दुकानदारों को इन बर्तनों की बिक्री बंद कर देनी चाहिए।

उत्पाद का विवरण क्या है?

USFDA ने जिन बर्तनों को ख़तरा घोषित किया है, उनकी जानकारी इस प्रकार है:

उत्पाद और ब्रांड का नाम: प्योर एल्युमीनियम बर्तन, टाइगर व्हाइट

निर्माता: सरस्वती स्ट्रिप्स प्राइवेट लिमिटेड, भारत

ट्रेडमार्क संख्या: आरटीएम संख्या: 2608606

प्रमाणन: आईएसओ 9001:2015 प्रमाणित कंपनी

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन के अनुसार, सीसे के बर्तनों में खाना पकाने से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर ख़तरे हो सकते हैं। इसका ख़ास तौर पर बच्चों के मस्तिष्क के विकास पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे सीखने और समझने की क्षमता कम हो सकती है। वयस्कों में, इससे उच्च रक्तचाप, गुर्दे की विफलता और प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। अध्ययन में यह भी पाया गया कि इन बर्तनों में कैडमियम जैसी ज़हरीली धातुएँ भी होती हैं। ये स्वास्थ्य के लिए और भी ज़्यादा ख़तरनाक हैं। कई एल्युमीनियम बर्तनों में सीसे की मात्रा 100 पार्ट प्रति मिलियन (पीपीएम) से भी ज़्यादा पाई गई।

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