हर साल 15अगस्त को भारत तिरंगे में रंग जाता है, गलियों से लेकर लोगों के दिलों तकआजादी की खुशबू फैल जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं, इस दिन सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कुछ और देश भी अपनी आज़ादी का जश्न मनाते हैं?
1947 में भारत ने ब्रिटिश हुकूमत से खुद को आज़ाद कराया था। इसी तारीख को दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया भी जापानी कब्ज़े से मुक्त हुए थे। कोरिया में इसे “ग्वांगबोकजोल” कहा जाता है, जिसका मतलब है “रोशनी की वापसी”। इस दिन वहांके लोग पारंपरिक परिधान पहनते हैं, जुलूस निकालते हैं और देशभक्ति के गीत गाते हैं।
15 अगस्त का एक और साथी देश है कांगो (Congo), जिसने 1960 में फ्रांस से आज़ादी पाई थी। अफ्रीका के इस देश में आज़ादी का जश्न रंग-बिरंगे नृत्यों और ढोल की थाप के साथ मनाया जाता है।
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15 अगस्त राष्ट्रीय दिवस
दूसरी तरफ, लीचटेंस्टाइन (Liechtenstein) नाम का छोटा यूरोपीय देश भी 15 अगस्त को राष्ट्रीय दिवस मनाता है, लेकिन मज़ेदार बात यह है कि उन्होंने यह दिन आज़ादी के लिए नहीं बल्कि अपने संरक्षक संत के जन्मदिन के लिए चुना था। समय के साथ यह उनकी एकता और पहचान का प्रतीक बन गया।
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संघर्ष के बाद मिली आज़ादी
सोचिए, एक ही तारीख, लेकिन अलग-अलग कहानियां। कहीं यह तारीख सदियों के संघर्ष के बाद मिली आज़ादी की याद दिलाती है, तो कहीं यह इतिहास और परंपरा को जोड़ने वाला धागा है। जब भारत के आसमान में तिरंगा लहराता है, तब कोरिया में भी रोशनी की वापसी मनाई जाती है, कांगो में ढोल बजते हैं, और लीचटेंस्टाइन में चर्च की घंटियां बजती हैं। 15 अगस्त दुनिया को यह याद दिलाता है कि आज़ादी सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि हर दिल में बसने वाली वो भावना है जो हमें अपने अस्तित्व पर गर्व करना सिखाती है।