130th Constitutional Amendment Bill: जब से संसद के मानसून सत्र में जेल जाने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को उनके पदों से हटाने संबंधी विधेयक पारित किया गया तब से ही राजनीतिक गलियारों में बवाल मचा हुआ है। इतना ही नहीं इस विधेयक को विपक्ष ने काला कानून का नाम दे दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले पर कई बातों का जवाब देकर विपक्ष की कन्फ्यूजन को दूर कर दिया है। वहीँ अब अमित शाह ने विपक्ष का जवाब दिया और कहा कि, जेल में बैठा व्यक्ति देश नहीं चला सकता।
विपक्ष को दिया जवाब
वहीँ इस मामले को लेकर अमित शाह ने कहा कि, अगर संसद में चुनी हुई सरकार कोई विधेयक या संविधान संशोधन लाती है, तो उसे सदन के समक्ष पेश करने में क्या आपत्ति हो सकती है? जबकि मैंने स्पष्ट कर दिया था कि हम इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को सौंपेंगे। दूसरी बात, जब इस पर मतदान होगा, तो आप अपनी राय रख सकते हैं। यह एक संविधान संशोधन है, दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत आवश्यक है। हमारे पास (दो-तिहाई बहुमत) है या नहीं, यह उस समय साबित हो जाएगा।
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विपक्ष से माँगा जवाब
इतना ही नहीं इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, “क्या लोकतंत्र में किसी भी सरकारी विधेयक या संविधान संशोधन को सदन में पेश न होने देना और इस तरह का व्यवहार करना सही है? क्या देश की संसद के दोनों सदन बहस के लिए हैं या शोर-शराबे और हंगामे के लिए? हमने कई मुद्दों पर विरोध भी जताया है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि विधेयक पेश न होने देने की मानसिकता लोकतांत्रिक है। विपक्ष को जनता को जवाब देना होगा।
इसके अलावा अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इस विधेयक में अपना पद शामिल करने को लेकर जोर दिया था। उन्होंने कहा, पीएम ने खुद प्रधानमंत्री पद को इसमें शामिल करने को कहा था। अब अगर प्रधानमंत्री जेल जाता है, तो उसे इस्तीफा देना होगा।