हिमाचल प्रदेश से अनुराग शर्मा की रिपोर्ट
Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश एक बार फिर मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने लालों की शहादत से गमगीन हो गया है। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति की किशोरी पंचायत के अरुण कुमार रविवार को सियाचिन ग्लेशियर में वीरगति को प्राप्त हो गए। महज दो साल पहले ही उन्होंने भारतीय सेना की वर्दी पहनी थी और कुछ ही दिन पहले सियाचिन में अपनी नई ड्यूटी ज्वाइन की थी।
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया
जानकारी के अनुसार रविवार को अचानक अरुण कुमार को सिरदर्द की शिकायत हुई और कुछ ही देर में उनकी आकस्मिक मृत्यु हो गई। यह खबर मिलते ही पूरे लाहौल घाटी में मातम छा गया। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर चंडीगढ़ से विशेष वाहन द्वारा उनके पैतृक गांव किशोरी लाया गया, जहां हजारों लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे। पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
गांव में जब अरुण कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा तो ‘भारत माता की जय’ और ‘अरुण कुमार अमर रहें’ के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। सेना के जवानों ने सलामी देकर अपने साथी को अंतिम विदाई दी। परिजनों के आंसुओं के बीच पूरे गांव ने अपने सपूत को नम आंखों से विदाई दी।
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दो दिनों के भीतर प्रदेश ने अपने दो वीर सपूत खो दिए
हिमाचल प्रदेश के लिए यह दूसरा बड़ा झटका है। दो दिनों के भीतर प्रदेश ने अपने दो वीर सपूत खो दिए हैं। रविवार को जहां लाहौल घाटी के अरुण कुमार शहीद हुए, वहीं सोमवार को कांगड़ा जिले के कमांडो विकास भंडारी को भी पूरा सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
प्रदेश में गहरा शोक छा गया है और लोग लगातार इन दोनों वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री और विभिन्न नेताओं ने शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि हिमाचल प्रदेश वीरों की धरती है और अरुण कुमार जैसे जवानों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।