Milk Choice For Kids: बच्चों की सेहत और विकास के लिए दूध एक अहम हिस्सा माना जाता है। अक्सर माता‑पिता सोचते हैं कि फुल‑क्रीम दूध लें या टोंड दूध। इस सवाल का जवाब कम लोग जानते हैं। लेकिन, डॉक्टर्स ने इस कन्फ्यूजन को साफ कर दिया है। उनका मानना है कि छोटे बच्चों के लिए फुल‑क्रीम दूध सबसे अच्छा विकल्प है।
डॉक्टर के अनुसार, फुल‑क्रीम दूध में प्रोटीन, कैल्शियम और जरूरी फैट्स पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं, जो बच्चों के मस्तिष्क और शरीर की सही वृद्धि के लिए जरूरी हैं। वहीं, टोंड दूध में पानी और स्किम्ड मिल्क पाउडर मिलाया जाता है, इसलिए इसमें पोषक तत्व थोड़े कम होते हैं।
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फैट ज्यादा लगे तो क्या करें?
डॉक्टरों की सुझाव के अनुसार, अगर फैट की मात्रा ज्यादा लगे तो दूध उबालने के बाद उपरी मलाई निकाल सकते हैं। इससे बच्चा जरूरी पोषण तो लेगा, लेकिन फैट का संतुलन भी बना रहेगा।
एक से डेढ़ साल वाले बच्चे पिएं ये दूध
वहीं, विशेषज्ञों की मानें तो एक साल से डेढ़ साल के बच्चों को फुल‑क्रीम दूध दिया जाना चाहिए। दो साल की उम्र के बाद ही, अगर बच्चे में मोटापे या वजन की समस्या हो, तब लो‑फैट या टोंड दूध पर विचार किया जा सकता है।
लो फैट मिल्क कब दें?
रिसर्च भी बताती है कि पूरे दूध पीने वाले बच्चों में मस्तिष्क और शारीरिक विकास बेहतर होता है। वहीं, कम फैट वाला दूध लेने पर कभी‑कभी ऊर्जा की कमी और मोटापे का खतरा बढ़ सकता है।
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फुल‑क्रीम दूध कब दें?
छोटे बच्चों के लिए फुल‑क्रीम दूध प्राथमिक विकल्प होना चाहिए। यह न केवल उन्हें जरूरी पोषक तत्व देता है, बल्कि उनकी बढ़ती हड्डियों और मस्तिष्क के लिए भी सहायक है। टोंड या लो‑फैट दूध तब ही अपनाना चाहिए जब बच्चे की स्वास्थ्य स्थिति या वजन की जरूरत हो।
Disclaimer: इनखबर इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।