How to protect lungs from pollution: दिवाली के बाद हवा में इतना प्रदूषण घुल जाता है कि सांस लेना मुश्किल हो जाता है. खराब एयर क्वालिटी की वजह से फेफड़ों और सेहत पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है. नतीजन कई लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगती है, तो किसी को खांसी-जुकाम की समस्या हो जाती है. इस सिचुएशन में फेफड़ों को सेफ और खुद को तंदुरुस्त रखना जरूरी हो जाता है. लेकिन, सवाल उठता है कैसे. क्योंकि, मास्क या एयर फिल्टर लगाने से भी पूरी तरह प्रदूषण से बचा नहीं जा सकता है. तब देसी उपायों की बारी आती है.
देसी उपाय बिना ज्यादा खर्च के आपके फेफड़ों के सुरक्षा कवच बन सकते हैं. जी हां, यहां हम एक ऐसे देसी काढ़े के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपकी इम्यूनिटी बूस्ट कर सकता है और वायु प्रदूषण से होने वाले नकारात्मक असर को कम कर सकता है.
देसी काढ़ा कर सकता है फेफड़ों को बचाने में मदद!
फेफड़ों को सेफ और खुद को तंदुरुस्त रखने के लिए दिवाली से लेकर जनवरी के आखिरी तक, हर दिन देसी जड़ी-बूटियों से बना काढ़ा पी सकते हैं. इस काढ़े में हर भारतीय किचन में मिलने वाले कुछ मसाले और जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है. काढ़ा बनाने के लिए आपको सबसे पहले तुलसी, हल्दी, काली मिर्च, गुड़, लौंग और नींबू का रस चाहिए होगा. इन सभी चीजों को मिलाकर आप काढ़ा तैयार कर सकते हैं.
कैसे बनाएं काढ़ा?

एक पैन लें और उसमें एक गिलास से थोड़ा ज्यादा पानी डालें. अब पानी में नींबू का रस छोड़कर सभी चीजें डाल दें. इसके बाद पानी को अच्छी तरह से उबलने दें, आप चाहें तो पानी को आधा होने तक भी उबाल सकते हैं. इसके बाद पानी को छन्नी की मदद से छान लें. पानी छानने के बाद उसमें नींबू का रस निचोड़ें, अब आपका काढ़ा बनकर तैयार है. इस काढ़े को धीरे-धीरे करके पी लें.
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कब पीएं काढ़ा?
तुलसी, हल्दी और देसी चीजों से बना यह काढ़ा एक दिन में ही एक ही बार पीना काफी होगा. आप चाहें तो इसे सुबह पी सकते हैं या शाम को ऑफिस से आकर भी पीना फायदेमंद रहेगा. यह काढ़ा खराब हवा यानी प्रदूषण के दिनों में सबसे ज्यादा फायदेमंद रहता है. वहीं, इससे आपको खांसी, छाती जमने और जुकाम जैसी समस्याओं से भी राहत मिल सकती है.
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Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.