IPS Suicide Case: हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार (IPS Pooran Kumar) की आत्महत्या के छठे दिन भी उनका पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है. दिवंगत आईपीएस अधिकारी की पत्नी अमनित पी. कुमार के सेक्टर 11 स्थित आवास पर दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के साथ बैठक हुई. गौरतलब है कि आईपीएस पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को सेक्टर 11 स्थित इसी बंगले में आत्महत्या कर ली थी.
मामले की गंभीरता को देखते हुए, हरियाणा सरकार पूरन कुमार के परिवार के साथ लगातार संपर्क में है. हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने बताया कि वे पूरन कुमार के परिवार से लगातार मिल रहे हैं. उन्होंने आगे बताया कि परिवार के अनुरोध पर रोहतक के एसपी को हटा दिया गया है और उन्हें कोई अन्य पद नहीं दिया गया है. रविवार शाम तक मामला सुलझ सकता है.
पुलिस ने मानी परिवार की मांग
इसके अलावा, चंडीगढ़ पुलिस ने मृतक आईपीएस अधिकारी के परिवार की मांग को स्वीकार करते हुए, एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(आर) को धारा 3(2)(वी) से बदल दिया है, जिसमें आजीवन कारावास और जुर्माने का प्रावधान है. जबकि एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(आर) में केवल पांच साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.
महापंचायत ने दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम
इस बीच, चंडीगढ़ के सेक्टर 20 स्थित रविदास गुरुद्वारे में एक महापंचायत हुई. उपस्थित लोगों ने कहा कि आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उन्होंने अपने प्राण त्यागे हैं. उन्होंने कहा कि न्याय मिलने तक उनके परिवार का हर संघर्ष में साथ दिया जाएगा. साथ ही, चंडीगढ़ प्रशासन और हरियाणा सरकार को 48 घंटे का समय दिया गया.
यह भी घोषणा की गई कि अगर 48 घंटे के भीतर शत्रुघ्न कपूर को हरियाणा के डीजीपी पद से नहीं हटाया गया, तो दलित पूरे राज्य में सड़कों पर उतरेंगे. इसके अलावा, राजकुमार सैनी के बयान को लेकर महापंचायत में हंगामा हुआ और पुलिस ने गुलाबचंद कटारिया को महापंचायत में लिए गए फैसलों के बारे में ज्ञापन देने जा रहे लोगों को रोक दिया. इस दौरान हल्की बहस भी हुई.
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