Ice Slipping Science: इन दिनों भारत के कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है। जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। लोग गर्मी से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय आजमा रहे हैं। इन्हीं उपायों में से एक है जूस या शेक जैसे ठंडे पेय पदार्थ पीना। गिलास में बर्फ के टुकड़े डालकर जूस पीने का अपना ही मज़ा है।
शहरों में तो लोगों के पास फ्रिज में बर्फ जमाने का साधन आसानी से मिल जाता है। लेकिन गाँवों में लोगों के पास यह साधन नहीं होता, इसलिए लोग अक्सर पानी ठंडा करने के लिए बर्फ खरीदते हैं। बच्चे भी बर्फ से खूब खेलते हैं। वे उसे बार-बार पकड़ने की कोशिश करते हैं और वह बार-बार फिसल जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है, बर्फ हाथ में लेते ही क्यों फिसलने लगती है। इसके पीछे विज्ञान छिपा है, आइए आपको बताते हैं।
Odisha: ओडिशा पुलिस ने राजीव गांधी फाउंडेशन से विदेशी फंडिंग का पूरा ब्यौरा मांगा, जांच हुई तेज
लंबे समय से हो रहा है शोध
दुनिया के वैज्ञानिक कई चीजों पर शोध करते रहते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा लंबे समय से बर्फ पर शोध किया जा रहा है। बर्फ जमना पानी का जमना है। जब पानी का तापमान बहुत कम हो जाता है। तब वह जम जाता है। जब लोग आइसक्रीम और पानी को फ्रिज में रखते हैं, तो उस जमी हुई बर्फ को बर्फ के टुकड़े कहते हैं।
बर्फ के बाहरी हिस्से पर पानी की एक परत लिपटी होती है। जो शून्य डिग्री से नीचे के तापमान पर दिखाई देती है। बर्फ के पिघलने की प्रक्रिया को पैरी मेल्टिंग कहा जाता है। यानी बर्फ अंदर से नहीं पिघलती, बल्कि पहले बाहर की तरफ से पिघलना शुरू होती है। 1850 के दशक में ब्रिटिश वैज्ञानिक माइकल फैराडे ने बर्फ के ऊपर जमी तरल परत पर शोध किया था।
एक नए अध्ययन में खुलासा
चीन के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय पेकिंग विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञानी यिंग जियांग और उनके सहयोगियों ने बर्फ पर एक अध्ययन किया जो नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन के अनुसार, बताया गया है कि जब बर्फ -150 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर जमती है, तो उसकी सतह एक नहीं, बल्कि दो प्रकार की बर्फ से बनी होती है। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बर्फ की सतह की जाँच के लिए परमाणु बल सूक्ष्मदर्शी का इस्तेमाल किया।
इसी वजह से फिसलने लगती है बर्फ
वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया है कि बर्फ के अंदर विभिन्न प्रकार की संरचनाएँ होती हैं। जिससे बर्फ की तरलता बढ़ जाती है। और इसका सबसे ज़्यादा असर बर्फ की ऊपरी परत पर पड़ता है। इसीलिए जब कोई बर्फ के टुकड़े हाथ में लेता है, तो वे फिसलने लगते हैं। इंसान के शरीर का तापमान भी ज़्यादा होता है, इसीलिए बर्फ हाथ में आते ही पिघलने लगती है।