Who Started Abusing: बिहार के दरभंगा में कांग्रेस और उसके एक सहयोगी दल के स्थानीय नेता की जनसभा के दौरान एक व्यक्ति ने माइक पर पीएम मोदी की माँ के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में भी अच्छी खासी भिड़ंत हो गई थी। जिसके बाद हालाँकि पुलिस ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन अब इस मामले पर पीएम मोदी की भी प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है। इसे लेकर पीएम मोदी ने करारा जवाब दिया और कहा की, “हाल ही में बिहार में जो कुछ भी हुआ, उसकी न मैंने कल्पना की थी और न ही हिंदुस्तान में किसी ने ऐसा सोचा होगा। बिहार में आरजेडी-कांग्रेस के मंच से मेरी माँ को गाली दी गई। यह सिर्फ़ मेरी माँ का अपमान नहीं है, बल्कि देश की माँ, बहन, बेटी का अपमान है। आज हम आपको बताएंगे की गाली कहाँ से शुरू हुआ और किसने सबसे पहले गाली दी।
कब शुरू हुआ गालियों का दौर
ये सवाल हर किसी के मन में है कि, गाली-गलौज का प्रयोग कब और किसने शुरू किया? वहीँ आज गालियाँ हर किसी के जुबान पर रहती हैं। लोग अपना स्ट्रेस दूर करने के लिए अक्सर गलियां देते हैं। वहीँ आपको बता दें ये लोगों क ज़िंदगी का हिस्सा बन गया है, लेकिन इनके पीछे का इतिहास भी उतना ही दिलचस्प और चौंकाने वाला है। वैज्ञानिकों और इतिहासकारों का कहना है कि गालियों की जड़ें हज़ारों साल पुरानी सभ्यताओं में हैं। लेकिन यह कहना मुश्किल है कि गाली-गलौज का प्रयोग किस व्यक्ति या समाज ने शुरू किया, क्योंकि यह किसी एक व्यक्ति द्वारा गढ़ा गया शब्द नहीं हो सकता।
गाली देने से होता है स्ट्रेस दूर
आपकी जानकारी के लिए बता दें, गाली देना मानवीय भावनाओं को व्यक्त करने का एक स्वाभाविक तरीका है, जो मानव इतिहास जितना ही पुराना है। जब कोई व्यक्ति क्रोधित, दुखी या निराश होता है, तो वो कठोर और गलत शब्दों का इस्तेमाल करता है। वहीँ आपको बता दें, गाली-गलौज एक स्वाभाविक आदत की तरह है। अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए व्यक्ति ऐसे शब्दों का चयन करता है जिन्हें समाज असभ्य या अस्वीकार्य मानता है। आज के समय में ज़्यादातर गालियाँ शरीर, उसके कार्यों या धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी होती हैं।