Vladimir Putin Visit India: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र के दौरान, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत और रूस के बीच बढ़ते संबंधों पर प्रकाश डालते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने कहा कि व्लादिमीर पुतिन का नई दिल्ली का आधिकारिक दौरा दिसंबर में होने वाला है. इस दौरे को दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. आइए पुतिन के भारत के पिछले दौरों पर एक नज़र डालते हैं.
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पुतिन के भारत दौरे
पुतिन के भारत दौरे का एक लंबा और महत्वपूर्ण इतिहास रहा है. उनका पहला दौरा दिसंबर 2002 में हुआ था. उस दौरे के दौरान, पुतिन ने भारत के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात की थी. इस दौरे के दौरान, दोनों देशों ने व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा की.
पुतिन का भारत का दूसरा दौरा
पुतिन दिसंबर 2012 में फिर से भारत आए. इस दौरे के दौरान, उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की. इस दौरे के दौरान, कई द्विपक्षीय समझौते हुए, खासकर ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में. पुतिन का तीसरा महत्वपूर्ण दौरा दिसंबर 2014 में हुआ, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस दौरे को भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के रूप में देखा गया.
इन दौरों का उद्देश्य
इन सभी दौरों के परिणामस्वरूप व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. इनमें परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी सहयोग, राफेल और सु-30 एमकेआई विमान जैसे रक्षा उपकरणों में साझेदारी और गैस और तेल परियोजनाओं में निवेश पर समझौते शामिल थे. इन समझौतों ने दोनों देशों के बीच निरंतर सहयोग की नींव रखी.
2025 में भारत का दौरा
दिसंबर 2025 में होने वाला यह दौरा इस सहयोग को और आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखता है. उम्मीद है कि ऊर्जा, रक्षा, व्यापार और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में नए समझौते होंगे. विशेष रूप से, ऊर्जा सुरक्षा, गैस परियोजनाओं और परमाणु ऊर्जा में नए पहलों पर रूस और भारत के बीच चर्चा होने की उम्मीद है. इसके अलावा, यह दौरा वैश्विक मंच पर दोनों देशों के बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाता है, खासकर ऐसे समय में जब पश्चिम ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं.
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