Railway New Rules: आज के समय में हर कोई ट्रेन से यात्रा करता है. ऐसे में वो ढेरो सामान लेकर इधर से उधर सफर करते हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या एक्सट्रा सामन लेकर जाने पर एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ता है या नहीं. चलिए जान लेते हैं इसे लेकर रेलवे क्या कहता है. तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को तय सीमा से ज़्यादा सामान ले जाने पर फीस देनी होगी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रेल मंत्री वैष्णव ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह बात कही. रेड्डी ने रेलवे द्वारा ट्रेन यात्रियों के लिए सामान के नियमों और विनियमों के बारे में सवाल पूछा था, जो हवाई यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर लागू नियमों जैसे ही हैं वैष्णव ने कहा, “फिलहाल, यात्रियों द्वारा डिब्बों के अंदर ले जाने वाले सामान के लिए कैटेगरी के हिसाब से अधिकतम सीमा तय की गई है.”
यहां तक फ्री सामान ले जा सकते हैं यात्री
रेल मंत्री द्वारा लिखित जवाब में दी गई जानकारी के मुताबिक, सेकंड क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों को 35 किलोग्राम तक सामान बिना किसी शुल्क के ले जाने की अनुमति है, और वे शुल्क देकर 70 किलोग्राम तक सामान ले जा सकते हैं. वहीं स्लीपर क्लास के यात्रियों के लिए, बिना शुल्क के सामान ले जाने की सीमा 40 किलोग्राम है, जिसकी अधिकतम सीमा 80 किलोग्राम है. मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, AC थ्री टियर या चेयर कार में यात्रा करने वाले यात्रियों को 40 किलोग्राम तक सामान ले जाने की अनुमति है, जो अधिकतम सीमा भी है. वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फर्स्ट क्लास और AC टू टियर के यात्रियों के लिए, बिना शुल्क के सामान ले जाने की सीमा 50 किलोग्राम है, जिसकी अधिकतम सीमा 100 किलोग्राम है. AC फर्स्ट क्लास के यात्री बिना किसी शुल्क के 70 किलोग्राम तक सामान ले जा सकते हैं, जबकि अधिकतम सीमा 150 किलोग्राम है.
देना होगा पैसा
वहीं मंत्री ने साफ़ कहा कि, “अगर ट्रंक, सूटकेस और बक्से किसी भी तरह से तय बाहरी डाइमेंशन से ज़्यादा होते हैं, तो ऐसी चीज़ों को ब्रेक वैन (SLR)/पार्सल वैन में बुक करके ट्रांसपोर्ट किया जाना चाहिए, न कि पैसेंजर डिब्बों में.” उन्होंने आगे कहा कि पैसेंजर डिब्बों में पर्सनल सामान के तौर पर कमर्शियल सामान की बुकिंग और ट्रांसपोर्ट की इजाज़त नहीं है.
इंडियन रेलवे के नियम
1. आपातकालीन अलार्म चेन का सही इस्तेमाल
ट्रेन में लगी अलार्म चेन केवल आपात स्थिति में ही खींचनी चाहिए. जैसे– किसी की तबीयत बहुत खराब हो जाए, कोई दुर्घटना हो, यात्री की जान को खतरा हो, या बच्चा, बुजुर्ग या विकलांग व्यक्ति छूट जाए. बिना वजह चेन खींचने पर आपको जुर्माना और कानूनी परेशानी हो सकती है.
2. यात्रा के दौरान आगे का टिकट बढ़वाना
अगर आपको अपने पूरे गंतव्य तक का टिकट नहीं मिला है, तो आप उससे पहले के स्टेशन तक का टिकट ले सकते हैं. बाद में ट्रेन में टीटीई से मिलकर अतिरिक्त किराया देकर आगे की यात्रा का टिकट बनवाया जा सकता है. ध्यान रखें कि सीट बदल भी सकती है.
3. मिडिल बर्थ का नियम
स्लीपर और एसी कोच में मिडिल बर्थ दिन में नहीं खोली जाती. यह केवल रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सोने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है. दिन के समय इसे फोल्ड रखना जरूरी है ताकि नीचे और ऊपर की सीट पर बैठा जा सके.
4. ट्रेन छूटने पर दो-स्टॉप नियम
अगर कोई यात्री अपने बोर्डिंग स्टेशन से ट्रेन नहीं पकड़ पाता, तो उसकी सीट तुरंत किसी और को नहीं दी जाती. टीटीई अगले दो स्टेशनों तक इंतजार करता है. इसके बाद ही वह सीट किसी और यात्री को दे सकता है.
5. रात 10 बजे के बाद शांति का नियम
रात 10 बजे के बाद यात्रियों को परेशान नहीं किया जा सकता. इस समय टिकट चेकिंग नहीं होती, तेज लाइट बंद कर दी जाती है और खाना भी नहीं परोसा जाता. यह नियम इसलिए है ताकि सभी यात्री आराम से सो सकें.
6. पैकेज्ड खाने-पीने की सही कीमत
ट्रेन में मिलने वाले पैकेज्ड फूड आइटम्स एमआरपी से ज्यादा कीमत पर नहीं बेचे जा सकते. अगर कोई वेंडर ज्यादा पैसे लेता है, तो उसकी शिकायत की जा सकती है. ऐसा करने पर उस पर जुर्माना या लाइसेंस रद्द हो सकता है.
7. ट्रेन में शोर न करें
ट्रेन में तेज आवाज में बात करना, गाने सुनना या वीडियो चलाना मना है. मोबाइल का वॉल्यूम कम रखें और हेडफोन का इस्तेमाल करें. इससे सभी यात्रियों को आरामदायक और शांत यात्रा का अनुभव मिलता है.