Countries With No Railway Network: भारत और भूटान के बीच आने वाले समय में रेल कनेक्टिविटी शुरू होगी. सोमवार को भारत सरकार की तरफ दोनों देशों के बीच 4,033 करोड़ की लागत से कुल 89 किलोमीटर लंबे दो रेल लिंक की घोषणा की है. ये रेल लिंक असम के कोकराझार-गेलेफू से लेकर पश्चिम बंगाल के बनारहाट-समत्से तक जाएगी. माना जा रहा है कि ये रेल प्रोजेक्ट 4 साल के अंदर पूरा हो जाएगा.
वैसे बता दें कि हिमालय की पहाड़ियों में स्थित भूटान में रेल लाइन बिछाना कोई आसान काम नहीं है. पर्वतीय इलाका होने की वजह से यहां पर रेल नेटवर्क अभी तक विकसित नहीं हो सका है. इसके अलावा यहां इसका निर्माण काफी कठिन और खर्चीला भी है. वैसे भूटान ही नहीं, दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां अब तक रेल नेटवर्क नहीं पहुंच पाया है. चलिए जानते हैं कि वो कौन-कौन से देश हैं.
लीबिया (Libya)
लीबिया में 1998 में रेल नेटवर्क की योजना बनाई गई थी. हालांकि, 2011 में हुए प्रथम लीबियाई गृहयुद्ध ने इस योजना को विफल कर दिया, जिससे त्रिपोली और बेनगाज़ी जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ने के सभी प्रयास विफल हो गए. आज, यहाँ की आबादी परिवहन के लिए सड़क नेटवर्क और बंदरगाहों पर निर्भर है. शहरों के बीच यात्रा करने वाले अक्सर बसों, निजी कारों या हवाई जहाज़ों का इस्तेमाल करते हैं.
चाड (Chad)
यह मध्य अमेरिकी देश अपने रेगिस्तानी भूभाग और सीमित बुनियादी ढाँचे के लिए जाना जाता है. हालाँकि फ्रांसीसी औपनिवेशिक योजनाकारों ने चाड को कैमरून और नाइजीरिया से जोड़ने वाला एक रेल नेटवर्क बनाने का प्रयास किया था, लेकिन यह परियोजना कभी आगे नहीं बढ़ पाई. यहाँ के लोग समुद्री और सड़क परिवहन पर निर्भर हैं.
नाइजर (Niger)
नाइजर ने 2014 में नियामी से डोसो तक रेल नेटवर्क स्थापित करने का प्रयास किया था, लेकिन यह परियोजना अंततः सफल नहीं हो पाई. रेलवे नेटवर्क के बिना, नाइजर अंतर-शहर यात्रा के लिए सड़क नेटवर्क और साझा टैक्सियों के साथ-साथ नावों और जलयानों पर निर्भर है.
सोमालिया (Somalia)
1910 के दशक में इतालवी उपनिवेशवादियों द्वारा सोमालिया में एक रेलमार्ग स्थापित किया गया था, लेकिन 1940 के दशक में ब्रिटिश कब्जे के दौरान इसे ध्वस्त कर दिया गया था. आज, सोमालिया के चुनौतीपूर्ण बुनियादी ढांचे और मौजूदा सुरक्षा समस्याओं के कारण नए रेलमार्गों का विकास नहीं हो पा रहा है. सड़कें और छोटे तटीय बंदरगाह ही परिवहन के एकमात्र साधन हैं.
ओमान (Oman)
ओमान ने कोई बड़ा रेल नेटवर्क भी विकसित नहीं किया है. हां पर, अल हूटा गुफाओं से होकर एक पर्यटक ट्रेन ज़रूर चलती है. हाल के वर्षों में, ओमान ने राजमार्ग परियोजनाओं और 1,300 मील से ज़्यादा लंबे राष्ट्रीय रेल नेटवर्क की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है, लेकिन ये अभी तक साकार नहीं हो पाई हैं.
यमन (Yemen)
आर्थिक चुनौतियों और अशांति के बीच, यमन में रेलवे नेटवर्क एक सपना बनकर रह गया है. रेल नेटवर्क के प्रस्ताव आए और गए, लेकिन वे कभी हकीकत नहीं बन पाए. ऐसा इसलिए है क्योंकि यमन की सड़कों का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही पक्की है. ज़्यादातर मालवाहक और यात्री लंबी यात्राओं के लिए बसों, निजी वाहनों और हवाई परिवहन पर निर्भर हैं.
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