विवेक प्रकाश की रिपोर्ट, दिल्ली में हर साल धूमधाम से रामलीला का मंचन होता है, लेकिन, इस बार, रामलीला कमेटी के सदस्यों ने रेखा सरकार से हज एवं कावड़ की तर्ज पर आर्थिक मदद की मांग है। दरअसल,श्री रामलीला महासंघ के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने LG विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर मांग की है कि हज और कावड़ की तर्ज पर दिल्ली की रामलीला कमेटी को निशुल्क बिजली, मोबाइल टॉयलेट, आर्थिक सहयोग दिया जाए| उन्होंने ने यह भी बताया कि मुगल काल से दिल्ली की रामलीलाओं को सभी सुविधा निशुल्क मिलती रही हैं, आज भी रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली रामलीला को दिल्ली नगर निगम बिजली, पानी अन्य सभी सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराता है| प्रभु श्री राम की लीलाओं में बहुत आस्था है, जो सदियों से चली आ रही है न केवल दिल्ली पूरे विश्व के अंदर रामलीलाओं का मंचन किया जाता है| रामलीलाएं हमारी सांस्कृतिक विरासत हैं, इस विरासत को आगे बढ़ाने के लिए कार्यरत हैं|
सुभाष गोयल ने क्या बताया
वहीं, श्री रामलीला महासंघ के महामंत्री सुभाष गोयल ने बताया कि रामलीला मंचन समारोह 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक मनाया जाएगा, दशहरा पर 2 अक्टूबर को पूरे देश में संपन्न होगा| प्रभु श्री राम की रामलीला पूरे उत्साह से भव्य होगी | रामलीला केवल श्रद्धा का विषय नहीं, बल्कि, यह एक ऐसी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर है जो मर्यादा, भाईचारा, प्रेम, सौहार्द और एकता के देती हैं, रामलीला के मंचन से लोग प्रभु राम के आदर्श जीवन से प्रेरणा लेते हैं और अपने बच्चों को भी उत्तम संस्कार प्रदान करते हैं। सरकार सहयोग देगी, तो आने वाले समय में प्रभु राम के आदर्शों का प्रचार-प्रसार और अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा, जिससे समाज में प्रेम, भाईचारे और सौहार्द का वातावरण और मजबूत होगा।
तैयारी जारी है
इसके अलावा,पूरी दिल्ली में छोटी- बड़ी 500 से ज्यादा रामलीलाओं का आयोजन किया जाता है। इनमें सबसे प्रमुख चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र के लाल किले, रामलीला मैदान और पश्चिमी दिल्ली के द्वारका समेत कई शामिल हैं। दिल्ली में होने वाले इन रामलीलाओं के लिए जमीन का आवंटन DDA और MCD करती है। इसलिए, कमेटी के सदस्यों ने इनसे 45 दिन पहले मुफ्त में जमीन आवंटित करने की अपील की है। साथ ही, मेले ग्राउंड की साफ सफाई और कीटनाशकों का छिड़काव समय समय पर होता रहे । इतना ही नहीं, ये भी कई मौकों पर देखा गया है कि अधिकारियों और मनोरंजन संचालक की मिलीभगत से मेला ग्राउंड पहले बुक कर लेते हैं और रामलीला आयोजकों से मनमानी पैसे ऐंठते हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए।
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