Bihar Vidhan Sabha Cunav 2025: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की सूची जारी कर दी है. इस सूची में कुल 143 उम्मीदवार शामिल है. यह आधिकारिक सूची दूसरे चरण के नामांकन के आखिरी दिन जारी की गई इन 143 उम्मीदवार में 24 महिलाएं है. इस सूची की एक खास बात यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चार विधायक पाला बदलकर राजद में शामिल हो गए थे, लेकिन इस बार उनमें से केवल एक को ही टिकट दिया गया है. जिसमें शाहनवाज़ आलम को जोकीहाट विधानसभा से ही टिकट दिया है.
दरअसल असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम को 2022 में उस समय बड़ा झटका लगा जब बिहार में पार्टी के पांच में से चार विधायक राजद में शामिल हो गए. इससे राजद को 243 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को पछाड़कर सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा हासिल करने में मदद मिली. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष और अमरोहा विधायक अख्तरुल ईमान को छोड़ कर पार्टी के चार विधायक मोहम्मद इज़हार असफी (कोचाधामन सीट), शाहनवाज़ आलम (जोकीहाट), रुकनुद्दीन अहमद (बैसी) और अज़हर नईमी (बहादुरगंज) राजद में शामिल हो गया था.
बेटे ने मांगी इंसाफ
कोचाधामन विधानसभा से विधायक इजहार असफी का बेटा इम्तियाज असफी उर्फ गुड्डू राजद से टिकट कटने के बाद रोते हुए जमकर निशाना साधा और जनता के बीच कहा कि ‘ मुझे इंसाफ चाहिए, मेरे टिकट को चोरी किया गया है और मैं रात दिन आपकी मदद कर रहा हूं, हमेशा आप लोगो के साथ खड़ा रहा हुं.’ फिर उन्होंने बार बार कहता रहा कि ‘ मुझे इंसाफ चाहिए, मुझे इंसाफ चाहिए…’ आगे कहा कि मेरे साथ गलत किया है. ये पार्टी वाले लोग मुझे गुलाम समझते है. मौजुद ने नारा लगाते कहा कि ‘ टिकट चोर गद्दी छोड़.
क्या महागठबंधन में सब ठीक है?
इस घोषणा के साथ महागठबंधन की रूपरेखा स्पष्ट होती दिख रही है जिसमें 143 सीटें राजद को, 61 कांग्रेस को, 20 भाकपा (माले) को और शेष मुकेश सहनी की वीआईपी को मिलेंगी.
राजद की सूची के बाद पांच सीट पर कांग्रेस और राजद के बीच सीधा मुकाबला सामने आया है. यह तब है जब राजद ने गठबंधन की मर्यादा का पालन करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा है. इन सीटों पर कांग्रेस और राजद के बीच मुकाबला होने की उम्मीद है. न केवल राजद, बल्कि कांग्रेस को वामपंथी दल माकपा से भी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है. दोनों गठबंधन सहयोगी कम से कम चार सीटों पर एक दूसरे के आमने-सामने है.

