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IIP of India: भारी टैरिफ के बीच भारत की अर्थव्यवस्था ने किया कमाल, आंकड़े देख फटी रह जाएंगी Trump की आंखें

India Industrial Production:अमेरिकी टैरिफ की मार झेल रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह खबर राहत भरी है। जुलाई महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह पिछले चार महीनों में सबसे ज़्यादा वृद्धि है।

By: Deepak Vikal | Published: August 28, 2025 8:51:47 PM IST



India Index of Industrial Production: अमेरिकी टैरिफ की मार झेल रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह खबर राहत भरी है। जुलाई महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह पिछले चार महीनों में सबसे ज़्यादा वृद्धि है। इस उछाल की मुख्य वजह विनिर्माण क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन रहा।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में बताया गया कि जुलाई में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह इस साल मार्च में दर्ज 3.9 प्रतिशत की वृद्धि के बाद का उच्चतम स्तर है। हालाँकि, जुलाई 2024 में औद्योगिक उत्पादन 5 प्रतिशत की दर से बढ़ा, यानी इस बार सालाना आधार पर वृद्धि कुछ धीमी रही है।

इस बीच, एनएसओ ने जून 2025 के लिए औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर को 1.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। यह आँकड़ा पिछले महीने जारी अनंतिम अनुमान के समान ही है।

गति क्यों बढ़ी?

जुलाई 2025 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने में यह 4.7 प्रतिशत थी। हालाँकि, खनन क्षेत्र में 7.2 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई। एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में इसमें 3.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई । बिजली उत्पादन में भी भारी गिरावट देखी गई। जुलाई 2024 में जहाँ बिजली उत्पादन में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं जुलाई 2025 में यह केवल 0.6 प्रतिशत रही।

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वित्त वर्ष की तस्वीर

वित्त वर्ष 2025-26 के पहले चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) में देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में केवल 2.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 5.4 प्रतिशत थी। इससे स्पष्ट है कि चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में औद्योगिक गतिविधियों की गति अपेक्षाकृत धीमी रही है।

गौरतलब है कि औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि की यह खबर ऐसे समय आई है जब एक दिन पहले ही 27 अगस्त से भारत पर 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ लागू हो गया है। हालाँकि, सरकार द्वारा इससे निपटने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन, कहा जा रहा है कि इस उच्च टैरिफ के कारण कपड़ा, चमड़ा, जूते, रत्न एवं आभूषण से जुड़े व्यवसाय जैसे श्रम-प्रधान रोज़गार क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं।

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