Last Date of ITR: आयकर विभाग (Income Tax Department) ने करदाताओं को सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर प्रसारित एक फर्जी संदेश (Fake Message) के बारे में आगाह किया है, जिसमें आईटीआर (Income Tax Returns) दाखिल करने की समय सीमा 30 सितंबर तक बढ़ाए जाने का झूठा दावा किया गया है. जैसा कि पहले घोषणा की गई थी, आकलन वर्ष 2025-26 (assessment year 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आधिकारिक अंतिम तिथि सोमवार, 15 सितंबर ही रहेगी. आगे कोई विस्तार अधिसूचित नहीं किया गया है.
क्या था इस फेक लेटर में? (What was in this fake letter?)
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, जो फेक लेटर जारी किया गया है, उसमें सीबीडीटी (CBDT) का नाम भी है, जिसमें भ्रामक रूप से कहा गया था कि सीबीडीटी (CBDT) उन आईटीआर (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाता है, जिनकी अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 तक दाखिल की जानी थी. जैसे ही ये पोस्ट वायरल हुआ आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह पूरी तरह से गलत है.
🔴 ITR Due Date Extension – Fake Circular 🔴 pic.twitter.com/sS6zdRmFvI
— CA Bimal Jain (@BimalGST) September 14, 2025
आयकर विभाग ने जारी की एडवाइजरी (Income Tax Department issued advisory)
आयकर विभाग की एडवाइजरी में करदाताओं से केवल आधिकारिक हैंडल इनकम टैक्स इंडिया के अपडेट पर ही भरोसा करने का आग्रह किया गया है. साथ ही, फाइल करने वालों की सहायता के लिए कॉल, चैट, वेबएक्स सत्र और एक्स के माध्यम से 24×7 हेल्पडेस्क उपलब्ध है.
A fake news is in circulation stating that the due of filing ITRs (originally due on 31.07.2025, and extended to 15.09.2025) has been further extended to 30.09.2025.
✅ The due date for filing ITRs remains 15.09.2025.
Taxpayers are advised to rely only on official… pic.twitter.com/F7fPEOAztZ
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) September 14, 2025
15 सितंबर की डेडलाइन मिस करने पर क्या होगा? (What happens if we miss the September 15 deadline?)
- 5 लाख रुपये से अधिक की आय पर 5,000 रुपये का जुर्माना; कम आय वालों के लिए 1,000 रुपये (धारा 234F के तहत)
- विलंबित या संशोधित रिटर्न: 31 दिसंबर, 2025 तक मान्य
- अपडेट किए गए रिटर्न (ITR-U): 31 मार्च, 2030 तक दाखिल किए जा सकते हैं
- ब्याज: अवैतनिक कर पर 1% प्रति माह (धारा 234A के तहत)
इसके अलावा, अगर हम बात करें तो केवल ITR दाखिल करना ही पर्याप्त नहीं है, रिटर्न को मान्य करने और रिफंड सुनिश्चित करने के लिए 30 दिनों के भीतर ई-सत्यापन अनिवार्य है. आयकर विभाग ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि 13 सितंबर 2025 तक आकलन वर्ष 2025-26 (assessment year 2025-26) के लिए 6 करोड़ से अधिक ITR दाखिल किए जा चुके हैं. तुलना के लिए, निर्धारण वर्ष 2024-25 (Assessment Year 2024-25) में रिकॉर्ड 7.28 करोड़ ITR दाखिल किए गए, जो भारत के बढ़ते अनुपालन और बढ़ते कर आधार को दर्शाता है.
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