Gift Tax Rules: माता पिता या बच्चों को पैसा या प्रॉपर्टी देने की बात आती है तो लोग अक्सर इनकम टैक्स के छापे से डरते है. जरूरत के बावजूद कई लोग इनकम टैक्स के डर से आपनो को पैसा या प्रॉपर्टी गिफ्ट में नही दे पाते है. ऐसा इसलिए है क्योंकि देश में ज्यादातर लोग इनकम टैक्स के नियम से क अनजान है. अगर उन्हें थोड़ी बहुत जानकारी है तो वह भी सिर्फ़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने तक ही सीमित है. हालांकि भारत के आयकर अधिनियम में साफ बताया गया है कि उपहार कब कर योग्य होते हैं और कब नही. अगर आप उपहार पर कर नियम से अवगत हैं, तो आप अपने परिवार बच्चों या माता-पिता को धन या संपत्ति उपहार में देने में संकोच नहीं करेंगे. आइए जानें कि आप अपने बच्चों, माता-पिता या परिवार के सदस्यों को बिना कर चुकाए कितनी कीमत की वस्तु या संपत्ति उपहार में दे सकते है.
करीबी रिश्तेदारों को टैक्स-फ्री गिफ्ट
आयकर अधिनियम के अनुसार करीबी रिश्तेदारों को दिए गए उपहार टैक्स नहीं होते हैं. करीबी रिश्तेदारों की परिभाषा में आपके माता-पिता, बच्चे, जीवनसाथी (पति या पत्नी), भाई-बहन, ससुराल और उनके जीवनसाथी शामिल है. इसका मतलब है कि अगर आप अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए 10 लाख देते हैं या अपनी मां को नई कार खरीदने के लिए पैसे ट्रांसफर करते है. तो इसे पूरी तरह से टैक्स-फ्री गिफ्ट माना जाएगा. चाहे राशि कितनी भी बड़ी क्यों न हो, जब तक यह आपके रिश्तेदार को दी जाती है, टैक्स विभाग इसमें दखल नहीं देता.
गिफ्ट पर कब मिलेगा छूट
क्या सभी उपहार कर-मुक्त होते हैं? इसका जवाब है, नहीं। कुछ विशेष अवसरों पर मिले उपहार पूरी तरह से कर-मुक्त होते है. चाहे वे किसी भी व्यक्ति से मिले हो. शादी इनमें सबसे प्रमुख है. शादी के अवसर पर मिले किसी भी उपहार, नकद या संपत्ति पर, चाहे उसका मूल्य कुछ भी हो, कर नहीं लगता. इसी तरह विरासत या वसीयत के माध्यम से प्राप्त संपत्ति या धन भी कर-मुक्त होता है. हालांकि यह छूट जन्मदिन, गृह प्रवेश या त्योहारों पर मिले उपहार पर लागू नहीं होती है. अगर ये उपहार 50,000 से अधिक हैं और किसी ऐसे व्यक्ति से प्राप्त किए गए हैं जो आपका रिश्तेदार नहीं है, तो आपको कर देना होगा.
गिफ्ट देने अब आसान
यदि आप आयकर नियम को सही ढंग से समझते है तो गिफ्ट देना न तो गिफ्ट देना जोखिम भरा है और न ही कर योग्य है. केवल एक बात ध्यान रखने रखना है कि करीबी रिश्तेदारों को दिए गए गिफ्ट पूरी तरह से कर-मुक्त होते है. गैर-रिश्तेदारों से प्राप्त या दिए गए 50,000 से अधिक के उपहार कर योग्य होंगे. शादी या विरासत में मिले उपहार पूरी तरह से छूट प्राप्त है. लेकिन नाबालिग बच्चे या जीवनसाथी को दिए गए उपहार आपकी आय में गिने जाएंगे. उचित जानकारी और योजना के साथ आप बिना किसी कर चिंता के अपने प्रियजनों की मदद कर सकते है.