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दिवाली से पहले सरकार का डबल धमाका,केंद्रीय कर्मचारियों को DA के बाद मिली एक और खुशखबरी

CGHS reforms 2025: CGHS की नई दरें अब अस्पताल श्रेणी शहर श्रेणी और वार्ड के प्रकार के आधार पर निर्धारित की जाएंगी. इससे निजी अस्पतालों को भी लाभ होगा क्योंकि दरों में औसतन 25-30% की वृद्धि की गई है.

By: Divyanshi Singh | Last Updated: October 7, 2025 9:10:34 AM IST



CGHS reforms 2025: DA में 3% की बढ़ोतरी के बाद केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को एक और बड़ी खुशखबरी दी है. बता दें कि केंद्र सरकार ने 10 साल बाद केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) की दरों में बड़ा बदलाव किया है. ये CGHS में ये बदलाव 13 अक्टूबर से लागू होगा. इससे लगभग 46 लाख कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को राहत मिलेगी.

निजी अस्पतालों को भी होगा लाभ

CGHS की नई दरें अब अस्पताल श्रेणी, शहर श्रेणी और वार्ड के प्रकार के आधार पर निर्धारित की जाएंगी. इससे निजी अस्पतालों को भी लाभ होगा क्योंकि दरों में औसतन 25-30% की वृद्धि की गई है. सरकार ने सभी अस्पतालों को नई दरें स्वीकार करने का निर्देश दिया है अन्यथा उन्हें सूची से हटा दिया जाएगा. इस कदम से कैशलेस उपचार में सुधार और अस्पतालों के राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है.

सरकारी कर्मचारी कई सालों से कर रहे थें शिकायत

बता दें कि कई सालों से सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी शिकायत करते रहे हैं कि CGHS से जुड़े अस्पताल कैशलेस उपचार (Cashless treatment) प्रदान करने से इनकार करते हैं. मरीजों को इलाज के लिए खुद भुगतान करना पड़ता था और फिर महीनों बाद रिफंड मिलता था.

 निजी अस्पतालों को क्या थी परेशानी 

दूसरी ओर निजी अस्पतालों का तर्क था कि पुरानी दरें बहुत कम थीं और वर्तमान चिकित्सा खर्चों को प्रतिबिंबित नहीं करती थीं. गौरतलब है कि सीजीएचएस दरों में आखिरी बड़ा बदलाव 2014 में किया गया था. तब से, केवल मामूली सुधार ही लागू किए गए हैं और कोई व्यापक संशोधन नहीं किया गया है.

कर्मचारी संघों ने सरकार को सौंपा था ज्ञापन 

इस वर्ष अगस्त में केंद्रीय सरकारी कर्मचारी संघों के राष्ट्रीय महासंघ ने सरकार को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें कहा गया था कि कैशलेस सेवाओं की कमी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आर्थिक कठिनाई का कारण बन रही है. इसके बाद, सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया.

इन कारकों पर आधारित होंगी नई दरें

  • अस्पताल मान्यता (NABH/NABL)
  •  अस्पताल का प्रकार (सामान्य या सुपर स्पेशियलिटी)
  •  शहर श्रेणी (X, Y, Z)
  •  रोगी वार्ड का प्रकार (जनरल, सेमी-प्राइवेट, प्राइवेट)
  • नए नियमों के अनुसार जिन अस्पतालों कोNABH/NABL से मान्यता प्राप्त नहीं है उन्हें 15% कम दरें मिलेंगी. 
  • सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों को 15% अधिक दरें मिलेंगी.

शहर श्रेणी के अनुसार दरें

  • Y (टियर-II) शहर: X शहरों से 10% कम
  • Z (टियर-III) शहर: X शहरों से 20% कम
  • पूर्वोत्तर राज्य, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख Y श्रेणी में आते हैं.

वार्ड के अनुसार दरें

• सामान्य वार्ड: 5% कम

• निजी वार्ड: 5% अधिक

• बाह्य रोगी उपचार, रेडियोथेरेपी, डेकेयर और छोटी प्रक्रियाओं की दरें अपरिवर्तित रहेंगी.

• कैंसर सर्जरी की दरें वही रहेंगी, लेकिन कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी की दरों में संशोधन किया गया है.

अस्पतालों के लिए आवश्यकताएं

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी अस्पतालों को 13 अक्टूबर तक नई दरें स्वीकार करने का निर्देश दिया है. ऐसा न करने वाले अस्पतालों को डी-एम्पैनल्ड (CGHS सूची से हटाया जा सकता है) किया जा सकता है.

कैशलेस उपचार में सुधार की उम्मीद

नई दरों के साथ, उम्मीद है कि अस्पताल अब CGHS रोगियों को आसानी से कैशलेस उपचार प्रदान कर पाएँगे. इससे कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जेब से पैसे खर्च करने और पैसे वापस करने की झंझट से मुक्ति मिलेगी.

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सीजीएचएस पैकेज में क्या शामिल है?

CGHS पैकेज में लगभग सभी उपचार संबंधी सेवाएँ शामिल हैं:

  • कमरे और बिस्तर का खर्च शामिलहै .
  • प्रवेश शुल्क शामिलहै .
  • एनेस्थीसिया, दवाइयाँ और चिकित्सा सामग्री शामिलहै .
  • डॉक्टर और विशेषज्ञ शुल्क शामिलहै .
  • आईसीयू/आईसीसीयू खर्च शामिलहै .
  • ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, ऑपरेशन थिएटर शुल्क शामिलहै .
  • फिजियोथेरेपी, जाँचें, रक्त आधान आदि शामिलहै .
  • अस्पतालों को अब 90 दिनों के भीतर एक नए समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर करना होगा.
  •  पुराने समझौता ज्ञापन की वैधता 13 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगी.

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